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________________ 646 लघुविद्यानुवाद से टीका करे, फिर जिसका नाम ले, वह वश मे होता है अथवा गुजा चदन मणसिल से तिलक करे जिसका नाम लेवे वह वश मे होता है। गुजा, प्रियगु, सरसो इन चीजो को जिसके माथे पर डाले तो वह वश मे होता है, गुजा को जड को पीसकर लगावे अथवा पोवे तो वातरोग का नाश होता है। गुजा की जड को पानी के साथ पीने से मूत्र कुछ नही होता है। गुजा की जड़ को घिस कर पानी के साथ पिलाने से व लगाने से साप, बिच्छु व अन्य विषले जन्तुरो के द्वारा काटने से विष फैल जाता है, उस विप को दूर करती है / गुजा को जड को गोरोचन के साथ घिस कर तिलक करने से जो-जो देखता है वह वश मे होता है। गुजा को जड को स्त्री के कमर मे वाधने से सुख से प्रसव होता है / गुजा की जड को घटके मुखेक्षिपत जयभवति / पास रखकर राजा के पास जावे तो राज्यसभा वश होती है। सरपंखा कल्प पुष्य नक्षत्र मे सूर्य उदय के समय नग्न होकर सरपखा को ले, फिर उसको छाया मे सुखावे, जड सहित उखाडे, (मासाश्वेरीत जड लिजइ) अथ पचाग लीजई। छाया में सुखावे / फिर उसका चूर्ण करके दूध के साथ अपने शरीर मे लेप करे तो सर्व शत्रुनो का स्तम्भन होता है / सरपखा के तिल का गोरोचन के साथ तिलक करे तो राजा प्रजा सर्व वश होते है। दुकान पर बैठे तो व्यापार अधिक चले। सरपखा के पचांग की गोली को गाय के दूध के साथ 21 दिन तक पिलावे तो गर्भ धारण करे। शुभ मुहूर्त मे सोने या चादी के ताबीज मे रखकर बाधे तो शस्त्रादिक की धार वन्द हो। श्वेत सरपखा को लेने के समय 2 आदमी हाथ मे नगी तलवार लेकर खड रहे, एक आदमी दीपक लेकर खडा रहे 1 आदमी तीर छोडे, जब तक तीर जमीन पर न गिरने पावे तव तक सरपखा को उाले और घर लेकर आ जावे, छाया मे सुखा देवे / // 0 // पमाड कल्प अश्वनी नक्षत्र मे उत्तर दिशिमुख करके पवित्र हो सूर्योदय से पहले पमाडीये का जड लेना,
SR No.090264
Book TitleLaghu Vidyanuwada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLallulal Jain Godha
PublisherKunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages693
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size28 MB
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