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________________ लघुविद्यानुवाद २७७ उनकी सख्या का अक लिखने से पेसठिया यन्त्र तैयार हो जाता है। इस यन्त्र का महात्म्य भी बहुत है । यन्त्र को विधानानुसार ही तैयार करना चाहिये । जिस घर मे ऐसे यन्त्र की स्थापना पूजा हुआ यन्त्र न २६ २५ २३ करती है उस घर मे आनन्द मगल रहा करता है जो मनुष्य इस यन्त्र की आराधना करते है उनको प्रत्येक प्रकार के सुख मिलते है और जिस मकान मे स्थापना की हो वहा पर भूत-प्रेत पिशाच का भय नही होता । अगर हुआ हो तो नष्ट हो जाता है । इस यन्त्र का जितना आदर करेगे उतना ही अधिक सुख पा पकेगे । इस यन्त्र को निज के पास रखना हो तो भोज पत्र पर तैयार कराके रखना चाहिये । ऐसे यन्त्र शुद्ध अष्ट गध से लिखने से लाभ देते है ॥२६॥ लक्ष्मी प्रदान अडसठिया, यन्त्र ॥३०॥ यह अडसठिया यन्त्र बहुत प्रसिद्ध है । कई लोग दीवाली के दिन शुभ समय दुकान के मंगल के स्थान पर लिखते है । इस यन्त्र मे यह खूबी है कि लक्ष्मी प्राप्ति के हेतु चमेली की कलम लेकर
SR No.090264
Book TitleLaghu Vidyanuwada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLallulal Jain Godha
PublisherKunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages693
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size28 MB
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