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________________ २७८ २ १६ २६ २४ २५ लघुविद्यानुवाद २६ यन्त्र न. ३० २१ २८ २२ ४ १४ २० ८ २४ १० २८ ३२ अष्टगध से लिखना चाहिये और समेट कर रेशम लपेट कर निज के पास रखना और व्यापार करते समय तो यन्त्र को पास मे रख कर ही करना चाहिये ||३०|| १८ नित्य लक्ष्मी लाभ दाता बहतरिया यन्त्र ।। ३१ ।। बहतरि यत्र के लिए कई मनुष्य खोज करते है । मन्त्र का मिल जाना तो सहज बात है परन्तु विधान का मिलना कठिन बात है । इस यन्त्र को सिद्ध करते समय जहा तक हो सके सिद्ध पुरुष की सानिध्यता मे करना चाहिये और सिद्ध पुरुष का योग नही मिल सके तो किसी यन्त्र के जानकार की सानिध्यता मे करना चाहिये शुभ दिन देख कर शरीर व वस्त्र शुद्धता का उपयोग कर अधिष्ठाता यन्त्र न ३१ २७ ३० २२ २० २३ ६ १२ देव को सानिध्य समझकर प्रात काल मे ढाई घड़ी कच्ची दिन चढ पहले अष्टगंध से कागज पर बहत्तर यन्त्र लिखना चाहिये । कलम जैसी अनुकूल आवे चमेली की या सोने की निव से लिखे जब
SR No.090264
Book TitleLaghu Vidyanuwada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLallulal Jain Godha
PublisherKunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages693
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size28 MB
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