SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 605
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ क्षपणासार ३०. ] { गाथा ३८० वाले मोहनीयकर्मके स्थितिबन्धकी जघन्य प्राबाधा संख्यात गुणी है ' (५२) । उससे उतरनेवाले के अपूर्वकरणके अन्तिमसमय में पायी जानेवाली सर्वकर्मोंकी अन्तःकोटाकोटीसागरप्रमाण स्थितिबन्धको तत्प्रायोग्य अन्तर्मुहूर्तप्रमाण उत्कृष्ट पाबाधा संख्यातगुणी है (५३) । उससे चढ़नेवालेके अनिवृत्तिकरणके चरमसमयमें पाये जानेवाले मोहनीयकर्मका जघन्य स्थितिबन्ध संख्यातगुणा है यह भी अन्तर्मुहूर्तप्रमाण है (५४) । उससे उतरनेवाले के अनिवृत्तिकरणके प्रथमसमयमें पाया जानेवाला मोहनीयकर्मका जघन्य स्थितिबन्धका प्रमाण संख्यातगुणा है। यहां संख्यातका प्रमाण दो जानना यह भी अन्तर्मुहूर्तप्रमाण ही है (५५) । उससे चढ़नेवालेके सूक्ष्मसाम्परायके अन्तसमय में पाया जानेवाला ज्ञानावरण, दर्शनावरण व अन्तराय इन तीन घातियाकर्मोंका जघन्य स्थितिबन्ध संख्यातगुणा है (५६) । उससे उतरनेवालेके सूक्ष्मसाम्परायके प्रथमसमयमें पाया जानेकाला झानावरण, दर्शनावरण और अन्तराय इन तीन घातियाकर्मोका जघन्य स्थितिबन्ध संख्यातगुणा है जो दुगुणा जानना (५७)। उससे उत्कृष्ट अन्तमुहूर्त संख्यातगुणा है जो एक समयकम दो घड़ी प्रमाण है (५८) यहां अन्तदीपक न्यायसे पूर्व में जो सर्वकाल कहे के सभी अन्तर्मुहुर्तमात्र ही जानना, क्योंकि अंतर्मुहूर्तके बहुत भेद हैं । चडमाणस्स य णामागोदजहएणट्ठिदीण पंधो य । तेरसपदासु कमसो संखेण य होति गुणिदकमा ॥३८॥ अर्थः-चढ़नेवालेके नाम व गोत्रका जघन्य स्थितिबन्ध संख्यातगुरणा है (५६) । ये १३ पद क्रमशः संख्यातगुणें हैं । विशेषार्थ:--'उससे चढ़नेवालेके नाम व गोत्रकर्मका जघन्य स्थितिबन्ध संख्यातगुणा है जो सोलह मुहूर्त प्रमाण है (५६) । यह जघन्यबन्ध अपनी व्युच्छित्ति के चरमसमयमें जानना। ४६वें पदसे आगे ५६वें पद तक तेरह पदोंमें संख्यातगुणित क्रम है।' १. और यह (माबाधा ) अन्तरायामसे ऊपर संख्यात गुणे अध्वानको व्यतीत करके स्थित है, इस प्रकार यह बात इसी सूत्रसे जानी जाती है । ( ज. घ. मूल. पृ. १६३३) २. जयधवल मूल पृ. १६३३-३४ । ३. ज. प. मूल पृ. १६३४ ।
SR No.090261
Book TitleLabdhisar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages644
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Karma, Philosophy, & Religion
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy