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विषय
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पृष्ठ संज्वलन सोम के अनुभागसव की कृष्टिकरण प्रवरोहण (पतन) को प्रपेक्षा नवम गुण स्यान को विषि
२२१ प्राप्त जीव की किया विशेष का कथन संज्वलन लोभ सम्बन्धी कृष्टियों की निक्षेपण
मायावेदक के किया विशेष विधि
२२२
मानवेदक जीव के कार्य विशेष द्वितीयादि समयों में निक्षेपणा का कथन
२२३
संज्वलन कोष में होने वाली क्रिया विशेष कृष्टिगत द्रव्यों के विभाग का निर्देश
२२४
का विचार तनीयादि समयों में कृष्टियों के विशेष कयन पूर्वक निक्षेपद्रव्य के पूर्व-अपूर्यगत संधि विशेष '
पवरोहक नवम गुण स्थानवर्ती के पुरुषोदयकाल का कथन
सम्बन्धी किया विशेष कृष्टियों का शक्ति सम्बन्धी प्रल्पबहुत्व
२३४ स्त्रीवेद के उपशम के विनाश को प्ररूपया कृष्टिकरण काल में स्थितिबन्ध के प्रमाण
नपुसकोद के विनाश व उस समय होने वाली की प्ररूपमा
२३५ क्रिया विशेष संक्रमणकाल सम्बन्धी प्रवधि का विचार
उतरते हुए लोभसंक्रमण, बंधावलि ब्यतीत होने लोभत्रय की उपशमन विधि
२३७ पर उधीररणा की प्ररूपरणा मूक्ष्म साम्पराय में किये जाने वाले कार्य विशेष
क्रमकरण के नाम का विधान
२७४ सुक्ष्म साम्पराम गूण स्थान के प्रथम समय में
प्रवरोहक अनिवृत्तिकरण के चरम समय का उदीयमान कृष्टियों का निर्देश
स्थितिबन्ध द्वितीयादि समयों में उदयानुकृष्टि का निर्देश २४. अवरोहणापेक्षा अपूर्वकरण में होने वाले सूक्ष्मष्टि द्रव्य के उपशम की विधि एवं सूक्ष्म
कार्य विशेष
२८१ साम्पराय के अन्त में कमों के स्थिति बन्ध
मवाप्रवृत्तकरण के प्रथम समय में प्रयस्थित का निर्देश २४१ गुण थैरिण
२८२ पूर्वोक्त कथन का उपसंहार
प्राचीन गुणश्रेलि के विशेष निर्देश
२५४ उपशान्तकषाय कब होता है ? इसका निर्देश २४३ स्व स्थान संयमी के गुणणि मायाम के तीन स्थान २८५ उपशान्तकषाय गुण स्थान के काल का कथन
अवरोहक मप्रमत्त के प्रधःप्रवृत्तकरण में संक्रम करते हुए विशेष स्पष्टीकरण
.२४४
विपोष का कथन उक्त गुण स्थान में उदय योग्य ५९ प्रकृतियों में
द्वितीयोपशम सम्यक्त्व के कालका प्रमाण २८६ अवस्थित अनवस्थित वेदन वालो प्रकृतियों का
द्वितीयोपशम सम्यक्त्व से सासावन को प्राप्त जीव विभाजन
के मरण का कपन करते हए सासाधनवर्ती जीव चारित्र मोहोपणामना परिशिष्ट अधिकार उपशान्तकषाय से प्रधःपतन कयनाधिकार
का पन्य गतित्रय में मरण नहीं होने का कारण २८५ उपशारतकषाय वीतरागी के भवक्षयरूप पतन कारण
उपश्न रिण से उतरते हुए जीव के सासादन की का विवेचन
प्राप्ति का अभाव उपशान्तकषाय पीतरागी में कालक्षयरूप पतन
उपशमरिण चढ़ने वाले १२ प्रकार के जीवों की कारण का प्ररूपण
क्रिया में पाये जाने वाले भेद का कथन उपशान्तकषाय से गिरकर सूक्षरसाम्पराय गुण
उपशमशेरणी में अल्पबहुत्व के कथन की प्रतिज्ञा स्थान को प्राप्त जीव के कार्य विशेष
पुरस्सर मल्पबहुत्व स्थानों का कथन
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