SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 343
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३६ ] क्षपणासार [ गाथा ३७-३० स्थितिसत्त्व वेदनीयकमका होता है । इसक्रमसे पृथक्त्व स्थितिकाण्डकोंके बीत जानेपर मोहनीयकर्म स्थितिसत्त्व सबसे कम है, उससे तीन धातियाकर्मों का असंख्यातगुणा, उससे नाम व गोत्रकर्मका असंख्यातगुणा और विशेष अधिक स्थिति सत्व वेदनीयकर्मका होता है। इस प्रकार अन्त में नाम व गोरके स्थितिमत्त्वसे वेदनीयकर्म का स्थिति सत्त्व साधिक हो जाता है । तब मोहादिकर्मके क्रमसे स्थिति सत्त्वका क्रमकरण होता है । सीदे बंधसहस्से पल्लासंखेज्जयं तु ठिदिबंधे । तत्थ असंखेज्जाणं उदीरणा समयबद्धाणं ।।३७।।४२८॥ अर्थ:--इस क्रमकरणसे आगे संख्यातहजार स्थितिबन्ध बीत जाने पर पल्यके असंख्यातवेंभागमात्र स्थितिबन्ध होता है तब असंख्यात समय प्रबद्धोंको उदोरणा होती है । विशेषार्थः- यहाँसे पूर्व में अपकर्षण किये हुए द्रव्यको उदयावलिमें देने के लिए असंख्यातलोकप्रमाणभागहार सम्भव था वहां समयप्रबद्धके असंख्यातवें भागमात्र उदोरणाद्रव्य था उसका नाश करके अब परिणामोंकी विशुद्धताके कारण सर्ववेद्यमान कर्मोंका उदीरणारूप द्रव्य असंख्यातसमयप्रबद्धप्रमाण हो जाता है । इसप्रकार स्थितिबन्ध और स्थितिसत्त्वसम्बन्धी क्रमकरणका कथन पूर्णकरके ८ कषाय व १६ प्रकृत्तियोंका क्षपणकरणाधिकार प्रारम्भ करते हैं-- *ठिदिबंधसहस्तगदे, अट्ठकसायाण होदि संकमगों । ठिदिखंडपुत्तेण य, तद्विदिसंतं तु आवलियविद्धं ॥३८॥ १. क. पा० सु० ए० ७५० सूत्र ८२ से १६२ जयधवल मूल पृष्ठ १९६२-६३ । २. यह गाथा ल० सा० गाथा २३८ के समान है । जयघवल मूल पृष्ठ १६६३ । क. पा० सुस पृष्ठ ७५१ सूत्र १६३-१६४ । धवल पु०६ पृष्ठ ३५५ । ३. क. पा० सुत्त पृष्ठ ७५१ सूत्र १९३.६४ । ४. क. पा० सुत्त पृष्ट ७५१ सूत्र १६५ से १६७ 1 जयघबल मूल पृष्ठ १९६३ । धवल पु० ६ पृष्ठ ३५५-५६ । अट्ठकसायाणमपच्छिमट्टिदिखंडए चरमफालिसख्वेण णिल्लेविदे तेसिमावलियपविठ्ठसंतकम्मरसेब समयूण बलियमेतणिसेगपमाणस्स परिसेससत्तसिद्धोए णिव्वाहमुबलभादो। (जयधवल मूल पृ० १६६३)
SR No.090261
Book TitleLabdhisar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages644
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Karma, Philosophy, & Religion
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy