________________
नीदेसु
स्तिबुक
(२) पृष्ठ पंक्ति अशुद्ध ..: शुद्ध | पृष्ठ पंक्ति शुद्ध १६० २१ (मनुष्य)
(मनुष्य) के | २६१ ५ स्थितिबन्ध दो स्थितिबन्ध से तग्जेछ तज्जेह्र
गुणा
दो गृणा १७ १८ पूर्वक होने वाला पूर्वक होनेवाला | २६३ ७ अन्तमुहूर्त क्रम अन्तमुहूर्त कम द्वितीयोपशमसम्यक्त्व उपशमसम्यक्त्व, | २६३ १२ भादरग
मोदरा द्वितीयोपशम सम्यक्त्व
ठिदिबंधा
लिदिबंधो १७१ २५ . प. पु. १........। धपु.१ पृ. ३६६ ।। २६४ ११ बादरकसायरा बादरकसाया १७३ ११ अनू कीर्यमाण
अनुत्कीर्वमारग | २६६ २३ । वर्तन हो हाने से वर्तन हो जाने से १७८ २७ दोपहं पि उक्सेरि दोण्हं पि उक्सममेडि | २६६ २४ पविप्रकृति बन्ध का पांचप्रकृतिक बन्ध समारोहणे समारोहणे,
का १५१ १६ मारवई
मारभई २६९
गलिहावशेष . गलितावशेष १५८ ३ तीदेसु २७३ १८ पश्चादनुपूर्वी
पश्चादानुपूर्वी १९७ ८ प्रणुपुब्बीसंकमणं आणुपुखी संकमणं | २७४ ७ स्थितिबन्ध से असंख्यात गुणा २०४ १७ संटुव समदेतत्तो संढुवसमदे तत्तो | २७५ १२ घान-श्रेणी से समाधान-श्रेणी से २११ ८ तत्कालठिदिवषो तककालडिदिबंधो
२७५ १३ प्रथवा
और २१८ २१ स्तुयिक
२७६ २५ उक्कस्स्स .
उक्कस्स २२२ २८ (गच्छ-१) २] -(गच्छ-१)] | २७७ ६ विशेष अधिक प्रमाण विशेष अधिक
का प्रमाण २२४ १३ प्रतिभा के प्रतिभाग के २७७ १३ तबतक पूर्ण
तब तक पूर्व २२५ १४ ३२ अर्थात् दो चय, १६ अर्थात् एक घय २७७ २३ तदो एवं विठिदिबंध तदो एवंविट्ठि २२५ १५ ४८ अर्थात् तीन घय ३२ अर्थात् दो चय
परावत्तागण दिबंधपरावतपाणि २२७ १४ चाहिये। पाहिये । [देखो चित्र | २७७ २४-२५ पलिदो प्रसख-भागिजो पलिदो० असंखे। २२६ पृष्ठ पर]
भागिनो २२८ .१ एक चय को एक घय को "प्रादि | | २७८ १० माहत्म्य से
माहात्म्य से स्थापित कर
स्थापित कर | २७६ ५ असंख्यातवें भाग संख्यातवें भाग २४० ७
प्रमाण-स्थिति प्रमाण-स्थिति २४५ २७ यथानिादष्ट स्थान हा.ययानिदिष्ट स्थान | २८१ २२ के चरम समय में
उतरने पर पर ही | २८४ १ गुणश्रेणि के विशेष गुण थोरिण के यशस्कीति मश:कोति
विषय में विशेष . २५४ ७ द्रव्य का द्रव्य को | २६३ २२ श्रेण्यारोह
श्रेण्यारोहण २५७ १५ लीये
२६४ ७ प्रथम समय करता प्रथम समय २५७ १६ विशुद्ध
विशुद्धि | २६७ २२ काण्डोत्कीरणकाल काण्डकोत्कीरणकाल २५६ ५ अधस्तन कृष्टि न मधस्तन कृष्टि का | २९८ १५ प्रथम स्थितिबन्ध प्रथमस्थितिबन्धकाल २५६, २६ सम्वासिमेगसमण्णव सम्वासिमेगसमएणेष | २६८ १५ . २६. .१ स्तुविक स्तिबुक / २९६ १० संख्यातगुण
संख्यातगुणे २६. २६ लोमं परिव्यज्म लोम परित्यज्य / २९६ १३ प्रधिक या वह पषिक था वर
लिये