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________________ (xvi) दोहाशतक (पूरी कृति) एवं प्रवचनसार ( हिन्दी पद्य) के कुछ प्रमुख पाठों को दिया गया है । प्राशा है पाठक गए उनके अध्ययन के पश्चात् कवियों की काव्य प्रतिभा का परिचय प्राप्त कर सकेंगे । सम्पादक मंडल प्रस्तुत भाग के सम्पादन में माननीय रावत सारस्वत जयपुर, हरीन्द्र भूषण जैन उज्जैन एवं श्रीमती शशिकला बाकलीवाल जयपुर का जो सहयोग मिला है। उसके लिये मैं उनका पूर्ण प्रभारी हूँ। श्री रावत सारस्वत ने जो सम्पादकीय लिखा है वह अत्यधिक महत्व से तथा हिन्दी गिता पर विस्तृत प्रकाश डालने वाला है । आभार साहि . मैं श्री दि० जैन बडा तेरहपंथी मन्दिर जयपुर के शास्त्र भण्डार के व्यव स्थापक श्री कपूरचन्दजी रा० पापडीवाल, पाण्डे लूणकरणजी के मन्दिर के शास्त्र भण्डार के व्यवस्थापक श्री मिलापचन्दजी बागायतवाले एवं दि० कौन मन्दिरजी होलियान ने व्यवस्थापक श्री नरेन्द्र मोहनजी इंडिया का आभारी हूँ जिन्होंने अपने २ शास्त्र भण्डारों में से वांछित पाण्डुलिपियां संपादन के लिये देने की कृपा की। प्राशा है भविष्य में भी आप सबका इसी प्रकार का सहयोग प्राप्त होता रहेगा । मैं आदरणीय श्री रमेशचन्दजी सा० जैन देहली का भी आभारी हूँ जिन्होंने प्रस्तुत पुस्तक के लिये दो शब्द लिखने की कृपा की है। जैन सा० का अकादमी को विशेष सहयोग मिलता रहता है । अन्त में मैं मनोज प्रिन्टर्स के व्यवस्थापक श्री रमेशचन्दजी जैन का भी श्राभारी हूँ जिन्होंने पुस्तक के मुद्रा में पूरी तत्परता दिखाई है तथा उसे सुन्दर बनाने में योग दिया है । जयपुर १ मार्च १६८३ डा० कस्तूर चन्द कासलीवाल
SR No.090254
Book TitleKavivar Bulakhichand Bulakidas Evan Hemraj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMahavir Granth Academy Jaipur
Publication Year1983
Total Pages287
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, Biography, & History
File Size4 MB
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