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________________ बुधजन द्वारा निबद्ध कृतियां एवं उनका परिचय ज्वार + ई – ज्वारी (४४६) अमल + ई - श्रमली (४४६) यथा कृदन्त रूप- vi बार + ई – बारी (४४६ ) धातु + श्री : हरो (३) हर + ओ मैट श्रो- मेटो ( ७ ) धातु + श्रो- मिल्यो (१२) राच यो—राच्या (१५) पर | यो पर्यो (१०० ) इनके अतिरिक्त कृदन्त व तद्धित रूप भी पर्याप्त मात्रा में पाये जाते हैं । तदिन रूप धातु + ऐन: था | एन-देन (७६) बातु + श्रायः लह + आय - लहाय (६३५) बन + आय-बनाय (४४१) एव + श्राय-बाय ( ३३५ ) धातु + प्राइ छुड + श्राइ - छुड़ाइ (४४० ) धातु + सी: जा - सी - जासी (५४०) रह + सी रहसी (५७७) पायसी - पायसी (६३६) शब्द + रीः रस-री-रसरी [५] राव | री-रावरी (१६) जब + री - जेवरी ( ३३५) शब्द तरें: पग + तरें—पगतरे (३) ५.३ सब + तरें --- सबतरें (३) शब्द + तें: गुरु-गुरु (४३६)
SR No.090253
Book TitleKavivar Budhjan Vyaktitva Evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Shastri
PublisherMahavir Granth Academy Jaipur
Publication Year1986
Total Pages241
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, Biography, & History
File Size4 MB
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