SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 38
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ द्वितीय खण्ड १ - जीवन - परिचय कविवर बुधजन का पूरा नाम विरश्रीचन्द या कुछ लोग प्रेमपूर्वक उन्हें वृद्धिचन्द या भदीचन्द भी कहते थे । वे जयपुर (राजस्थान) के निवासी थे । खण्डेबाल जाति में उनका जन्म हुआ था। उनका गौत्र बज था । काव्य-प्रतिभा उनमें बचपन से ही भी । वे गंभीर प्रकृति के माध्यात्मिक पुरुष थे। संसार से उदास, निरभिमानी, विवेकी, अध्ययनशील, प्रतिभावान, श्रद्धानी, आत्मानुभवी, श्रावकोचित नियमों के पालक, परोपकारी एवं सरलस्वभावी संत पुरुष थे। उनका जीवन श्राध्यात्मिक था। समकालीन विद्वान पं. दौलतराम ने अपनी प्रसिद्ध कृति "चहकाला " में उनका प्रादर पूर्वक स्मरण किया है । जन्म तिथि : afeवर बुधजन की जन्मतिथि के बारे में कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं मिलता तथापि उनकी अपनी कृतियों से तथा समकालीन विद्वानों के उल्लेख से कवि का जन्म संवत् १८२० के आसपास निश्चित होता है । जन्म स्थान : कविवर बुधजन की जन्म तिथि के समान जन्म-स्थान के सम्बन्ध में भी कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं मिलता, केवल इतना ही उल्लेख मिलता है कि कवि के १. ठारा से पैंतीस को साल चौथ शनिवार । चैतजन्म जयमाल को भदीजन्य हितकार ।। बुधजन विलास (हस्तलिखित प्रति) की जयमाला शीर्षक रचना से | इकनव वसु एक वर्ष की, तीज शुकल वैशाख । करयो तत्त्व उपवेगा यह लखि बुधजन की भात || दौलतराम छहढाला प्रध्याय ६, पद्म संख्या १६, तेरहवां संस्करणा, जैन ग्रन्थ भण्डार, उदयपुर । सरल
SR No.090253
Book TitleKavivar Budhjan Vyaktitva Evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Shastri
PublisherMahavir Granth Academy Jaipur
Publication Year1986
Total Pages241
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, Biography, & History
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy