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भकादमी अपने उद्देश्य में निरसार काम बड़ली रहे एपः निरः १४ का सहयोग भी प्रावश्यक है। यद्यपि अभी तक का प्रकाशन कार्य में उनका सहयोग मिला है लेकिन उसको गति इतनी धीमी है कि एक भाग को निकालने में काफी समय लग जाता है। हम चाहते हैं कि अकादमी की यह योजना सन् १९६० तक पूरी हो जावे । इसलिए मेरा समाज से मही अनुरोध है कि वह प्रकादमी के सदस्य बन कर इसकी प्रकाशन योजना को पूर्ण करने में सहायक बनें । प्राशा है मेरे इस निवेदन पर समाज का ध्यान अवश्य जावेगा ।
नानगराम जैन
महावीर भवन हास्पिटल रोड जयपुर