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भुवनकोति गोत
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गावहि ए कामरिण मधुर सरे प्रति मधुर सरि गावति कामा । जिरा मन्दिर हो प्रष्ट प्रकार हि करहि पूजा कुमाल चढावहि " बूचराज रंग श्री रत्नोति पाटि योसह गुगे । श्री भुवनकीति आसीरवादहि संधु कलियो सुरतरो |
॥ इति श्राचार्य श्रीभुवनकीर्ति गीत ||
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