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________________ विषय सूची पृष्ठ । दूसरे अनर्थविराति गुणव्रतका स्वरूप २५० अतिथिसंविभागवतके अतिचार अनर्थदण्डके पांच भेव देशावकाशिक शिक्षावतका स्वरूप अपथ्यानका , लक्षण __, के अतिचार २६९ पापोपदेशका २५१ सल्लेखना धारण करनेका उपदेश प्रमादचर्याका , हिंसादानका | सल्लेखना का स्वरूप २५२ । दुःश्रुतिका ,, के अतिचार २७१ अनयंदण्डका उपसंहार २५३ | व्रतका माहात्म्य अनर्थदण्डविरतिके पांच अतिचार सामायिक प्रतिमाका स्वरूप २७२ तीसरे भोगोपभोगपरिमाण व्रतका सामायिककी विधि वगैरह स्वरूप २५४ छै गाथाओं द्वारा प्रोषध प्रतिमाका भोगोपभोगपरिमाण व्रतीकी प्रशंसा भोगोपभोगके अतिचार २५५ प्रोषधोपवासका माहात्म्य गुणव्रतों और शिक्षाप्रतों में आचार्यों के उपवासके विन आरम्भका निषेध मतभेदका विवेचन सचित्तविरत प्रतिमाका स्वरूप सामायिक शिक्षाव्रतका स्वरूप २५६ रात्रिभोजनविरति प्रतिमाका स्वरूप । सामायिक करने के योग्य क्षेत्र रात्रिभोजनत्यागका माहात्म्य __ , , काल प्रह्मचर्य प्रतिमाका स्वरूप " की विधि शीलके अठारह हजार भेद २८१ ,, , के अतिचार २५९ आरम्भविरति प्रतिमाका स्वरूप २८२ प्रोषधोपवास शिक्षाव्रतका स्वरूप परिग्रहविरति प्रतिमाका स्वरूप " के अतिचार अनुमोदनविरति , , पांच गाथाओंके द्वारा अतिथिसंविभाग उद्दिष्टविरति प्रतिमा २८५ व्रतका स्वरूप व्रतपूर्वक सल्लेखना धारण करनेका फल २८६ पात्रके तीन भेद वसुनन्दि आदि मतसे उदिष्ट प्रतिमाका दाताके सात गुण विशेष कथन २८७ दानकी नौ विधियाँ २६३ चारित्रसार अन्यसे श्रावक धर्मका कथन २८८ चार दानोंकी श्रेष्ठता २६४ यतिधर्मका स्वरूप २९० आहारदानका माहात्म्य दस धर्मोका स्वरूप २९१ दानका माहात्म्य उत्तम क्षमा धर्मका स्वरूप २५७ २६२ २६६ 13
SR No.090248
Book TitleKartikeyanupreksha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKumar Swami
PublisherParamshrut Prabhavak Mandal
Publication Year
Total Pages589
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size19 MB
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