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श्री कल्याण मंदिर स्तोत्र सार्थ
विधि-इस प्रभावक मंत्र से सफेद फल को १०६ वार मंत्रित कर उमे राज्यप्रमुख को सुधाने से वह साधनेवाले के वश में होता है और अपराध क्षमा कर देता है। ॐ ह्रीं पुष्पवष्टि प्रातिहार्योपशोभिताय श्रीजिनाय नमः ।
Jina s predette is miraculons
Vh pervader of the universe ! it is a matter of surprise that uninterinpled shower of celestial blossoms falls all around with their stalks turned down-wards: or why. ( it is natural thal) in Thy presence, oh master of saints ? fetters (stalks) of the good-minded ( flowers ) ( ought to ) certainly fall down. (23)
शुष्कवनोपवनविकाशक स्थाने गभीरहदयोदषिसम्भवाया:
पीयूषतां तव गिरः समुदीरयन्ति । पीत्वा यतः परमसम्मदसङ्गभाजो,
भव्या प्रजन्ति तरसायजरामरत्वम् ॥२१॥ प्रति गम्भीर हृदय-सागर से, उपजत प्रभु के दिव्यवचन । मम्मृततुल्य मान कर मानव, करते उनका अभिनन्दन । पी-पीकर जग-जीव 'वस्तुतः, पा लेते मानन्द अपार । अजर अमर हो फिर ये जगकी, हर लेते पीड़ा का भार ।।
१-निश्चयपूर्वक ।