________________
पत्र मन्त्र ऋद्धि पूजन अदि माहित
[१४९
नो गृहयते विविध विपर्पोज १८॥
..100°ा
.
or ora
कि फग्यकामलिभिरीशा सितोऽपिसको
त्यामेय वीततमसे परियादिनोऽपिं.
___titane
kya
i trey
श्लोक १० ऋद्धि-ॐ ह्रीं अई णमो पासे सिद्धा मुनि ?।
मन्त्र-ॐ नमो ज ( सु! ) मतिदेव्यै विषनिर्णाशिन्यै नमः स्वाहा।
गुण---जिम स्त्री या पुरुष को भय कुर भुजङ्ग ने काटा हो उसके मुख, शिर और ललाट पर उक्त मन्त्र से मन्त्रित जल के छोटे चुल्लू में भर भर कर उस समय तक मारता रहे जब तक वह निविष न हो जाय । इस मन्त्र से सर्प का विष उतर जाता है।
___ फल--कम्पिना नगरा के घमंगोर नाम थे. पाल ने एक मनि द्वारा प्रदत्स उक्त महामन्त्र के प्रभाव में सपं द्वारा सत्तामे पये सैकड़ों मानवों को प्राणदान दिया था ।