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________________ १४० जीवसमास गाथार्थ- अपर्याप्त मनुष्य, आहारक शरीर, वैक्रिय, मिश्र, काययोग, छदोपस्थापनीय चारित्री, परिहारविशुद्धिक चारित्री, सूक्ष्मसम्पराय, सरागी उपशामक, सास्वादनी, मिश्रष्टि – ये राशियाँ कभी होती हैं, कभी नहीं होती। विवेचन- १. अपर्याप्त मनुष्य, २. आहारक शरीर, ३. वैक्रियमिश्रकाय योग, ४. छेदोपस्थापनीय चारित्र, ५. परिहार विशुद्धि चारित्र, ६. अपूर्वकरण, ७. अनिवृत्तिगुणस्थान, ८. सूक्ष्मसम्पराय गुणस्थान, ९. उपशामक या क्षपक, १०. सास्वादन गुणस्थान, ११. मिश्र गुणस्थान- इन अनवस्थिय गशियों का लोक में नाभी मद्भाव रहा है का गिरह न द मारिह काल बताया रहा है १. अपर्याप्त मनुष्य- मनुष्य गति में गर्भज का जघन्य एक समय तथा उत्कृष्ट बारह मुहूर्त का विरहकाल होता है। सम्मूर्छिम मनुष्य का जघन्य एक समय तथा उत्कृष्ट चौबीस मुहर्त विरहकाल कहा गया है। २. आहारक शरीर-आहारक शरीर का प्रारम्भ करने का उत्कृष्ट विरहकाल छ; मास है। अत: जघन्य से एक समय तथा उत्कृष्ट से छ: मास का विरह काल है। ३. वैक्रिय मिश्रकाप-मिश्र वैक्रिय काय योग में यहाँ नरक तथा देव को जानना अर्थात् प्रथम उत्पत्ति काल में कार्मण के साथ होने वाला वैक्रिय शरीर, इन दोनो गतियों में जघन्य से एक समय तथा उत्कृष्ट से बारह मुहूर्त परिमाण जानना चाहिये। ४. छेदोपस्थापनीपचारित्र- छेदोस्थापनीय चारित्र का जघन्य से वेसठ हजार बर्ष तथा उत्कृष्ट से अठारह कोटा-कोटी सागरोपम का विरहकाल है। आगे गाथा में इसे स्पष्ट किया गया है। ५, परिहारविशविचारित्र-परिहारविशुद्धिचारित्र का जघन्य चौरासी हजार वर्ष तथा उत्कृष्ट से अठारह कोटाकोटी सागरोपम प्रमाण आगे स्पष्ट किया गया है। ६ से ९. आठवाँ, नयों, दसवाँ तथा ग्यारहवाँ गुणस्थान-अपूर्वकरण, अनिवृत्तिबादर, सूक्ष्मसम्पराय ये तीनों ही दो प्रकार के हैं— उपशामक तथा क्षपक। उपशान्त मोही तो मात्र उपशम श्रेणी की शिखा पर स्थित ग्यारहवें गुणस्थानवर्ती हैं। इसमें उपशम श्रेणी का अन्तर उत्कृष्ट से वर्षपृथक्त्व है तथा क्षपक श्रेणी का अन्तर उत्कृष्ट से छ: महीना है। १० से १९. सास्वादन, मित्र- सास्वादन तथा मिश्र का जघन्य काल एक समय तथा उत्कृष्ट से पल्योपम का असंख्यातवां भाग है।
SR No.090232
Book TitleJivsamas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1998
Total Pages285
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Karma, & Religion
File Size5 MB
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