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________________ सामाजिक रीतिरिवाज - 'जिनदत्त चरित' के अध्ययन से प्राचीन सामाजिक रीति-रिवाजों का भी थोड़ा आभास मिलता है। विवाह सम्बन्ध निश्चित करने के लिये ब्राह्मण जाया करते थे । वे ही लड़की को देखकर सम्बन्ध निश्चित कर दिया करते के नाम जान ||२६| सोरठी | प्रतेक चाउरासी पति mrafts गुर्जर धरु मरुहटो, लाडि घोडि दक्षिण पुरविणी करणवजि बंगालि, मंगाली तिलंग सुरखारि ||२०|| दवही गडी करणा भरणी, रूपादे कंचरणदे धणी । उपमा मामा नारि, प्रत्राभव सुतम रूव मुरारि ||२३१| चिसरे सहिवर सो रेख, किसरेख जरगु सोवन रेख 1 1 गुलगा सुरगा नवरस देद भोगमती गुरणमती भीड़ || २७२॥ उरभादे रंभा कांति, विसरणदे व विलसति । सुमयादेवि रूपसुन्दरी, पदमावती मयासुन्दरी || २७३ || मारोगा कन्हादे राणि साबल दे हम जारि । रेह सुम सुय पथवरिंण, मोगविलासति हंसागमणि ॥ २७४ ॥ । दरिद्रे सुखमेणावलि, तारादे कहु र मंदोदरि अरु चंद्रामती, हीरादे राशी सारंगदे अरु चंद्रावयरिंग, वीरमदे राणी भावती 1 गंगादे सरिए गजगमरिण कमलादे अरु हसागमरिंग ।।२७६ ।। मुक्तादेवि रूत्र प्रागली, चित्तिरिंग इंसिणी अरु पद्मिनि । सोनवती वरंगत हो घराणी सभालि । ।। २७७|1 रेवली ।। २७५॥ अवली याला पोढा तिरी पियमुंदरी सुमन मनपुरी । मोती रामा अधिकार, भोगवती कडलास कुमारि || २७८ || श्री संतमाला सोभाष, हररू चित्त कामिणी काप 1 सव दानि दारि चालहि सव्वइ मसोहराय बालही ।। २५६ || X X X १. विष्णु एक कउ प्राइस भयउ सो पड़ लइ चंपापुर गयउ | भेटिन मिलती सा या प्रलीम पड छोडि दिखाल ॥ १०५॥ बत्तीस
SR No.090229
Book TitleJindutta Charit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajsinh Kavivar, Mataprasad Gupta, Kasturchand Kasliwal
PublisherGendilal Shah Jaipur
Publication Year
Total Pages296
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size4 MB
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