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________________ हैं। जिनमें सारी सेना एक बार भर भी जाती है, किन्तु बुद्ध गान्त होने पर नायक उसे अग्नौ विद्या के बल से फिर जीवित कर देते हैं। वास्तव में ये कथायें वीर रस से श्रोत प्रोत होती है । (४) इन कथा - काव्यों में मदोन्मत हाथों पर विजय सागर को तैर कर किसी राजकुमारी से विवाह विद्याधर कुमारियों से विवाह तथा तथा उनसे अनेक विद्याएँ प्राप्त कर लेना, समुद्र- यात्रा, विदेश गमन, यक्ष गन्धर्व-विद्याधरों से युद्ध यदि ऐसी घटनायें है जिनमें एक से अधिक प्रत्येक नायक के जीवन में मिलती हैं । 1 , (५) रोमाञ्चक कथा काव्यों के नायक एक से अधिक विवाह करते हैं, तथा वे सभी जातियों की कन्याओं को ले श्राते हैं। इसे मध्यकाल में बहु विवाह प्रथा प्रचलित होना जाना जाता है। नागकुमार एक सौ से भी अधिक राजकुमारियों से विवाह करता है । (६) इन चरित नायकों के जीवन में देवता, राक्षस, गन्धर्व, यक्ष, विद्याधर नाग श्रादि की पूरी महायता मिलती है और कभी कभी विरोध मी सहन। पड़ता है । जिनदत्त एवं प्रद्युम्न को विद्याबरों से अनेक विद्यार्थी प्राप्त हुई थी । इसी तरह नागकुमार को नागों से खूब सहायता मिली थी। (७) चरित नायकों के इन कथा काव्यों में पूर्व भवों का भी वर्णन मिलता जिससे उनके पूर्व भय में किये गये पुन्यापुन्य का फल दर्शित होता है । बाद में वे व्रत अथवा साधु जीवन धारण करने की ओर प्रेरित होते हैं । इसी प्रकार का जिनदत्त चरित भी एक रोमाञ्चक शैली का काव्य है जिसका अध्ययन प्रस्तुत किया जारहा है। जिणदत्तचरित - एक अध्ययन भाषा : हिन्दी के आदिकाल में निर्मित एवं विकसित काव्यों में 'जिरणदत्तचरित' का स्थान विशेषतः उल्लेखनीय है । इस कृति की रचना उस समय हुई श्री जब यहाँ साहित्य में अलश की प्रधानता थी | महाकवि बाईस
SR No.090229
Book TitleJindutta Charit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajsinh Kavivar, Mataprasad Gupta, Kasturchand Kasliwal
PublisherGendilal Shah Jaipur
Publication Year
Total Pages296
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size4 MB
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