SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 246
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २०३ नेहु = -५२६, पइसारि = प्रवेश - २६६, नंदण = पुत्र,-नंदन – ६०, पइसारिउ = पीछे छोड़ा - १९७, नंदरावणु = नंदनवन - १५१, पनि = प्रवेश कर - २२८, नंदगु = पुत्र - २६१, ३१८, | प3 = -५५१, नंदन = पुत्र - २५७, पड़मप्पड = पग्रप्रम - ४, नंदनि = पुनो - ८९ पउमराह = -४४५, नंदनु = पुष - १५६, पउलि = पोल – ४५७, ४६०, ४६१, निंद = निद्रा - २२४, पचालित :- बोये हुए - ४१६, निदइ = नींद में - २२७, पगार : प्राकार - ", निदा - - ५४६, पत्रम् = प्रत्यक्ष – ४०, ४३३, निभूती :- निद्राके वशीभूत – ३४६, पचार = पुकार कर - २६२, नींद = सोना - ३०७, ३०६. पचारहि - ललकारना - २१६, नींदमरिण = नींद में - ३११, पचारि = पुकार कर ३५२, ४५६, ग्योते = निमन्त्रणा -१, तामा-१३०, न्वाणु = अभिषेक - १५२, पच्चारिवि ललकारना - २२७, न्हाति = नहाते हुये - १०२, । पलपा = प्रच्छन्न - १५४, पछतावत = पश्चाताप करना-२२०, पछिम = पश्चिम - ४६८, १६ = पहिल के - ५४५, पज्जोवहि = प्रकाशित करना - ५४२, पइट = प्रस्थान किया .- १९५० पदतरइ = तुलना - १०२, पठउ = जाना - ४१०, पट्टय - - १०६, गइछारण - प्रतिष्ठान - ४०६, पटवा - रेशमी वस्त्र बुनने वाला - पइठिउ = पहुंचना - १५४, ४८८, पइठी -- बैठी - पटोली = ............ - ४११, ४६०, पइटू = बैठना - ८५, पटोले - रेशमी वस्त्र - १०३, ६१, पहमिति = परिमिति - ५३३, पइरतु - तैर रहा - २६६, २८३, पटोला = ............ - ४२६, ४३, ५०३, पइसरइ = प्रवेश करना - २०३, | पट्टरिंग = नगर - ३४४, ४८६, ५३६, | पट्टिया = पटिया - ६६, पड़रारहि = पास – ४५६, पाठय = भेजना - १४७, पइसार = प्रवेश द्वारा - १६०, । पठवउ = प्रेषित किया - १३२,
SR No.090229
Book TitleJindutta Charit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajsinh Kavivar, Mataprasad Gupta, Kasturchand Kasliwal
PublisherGendilal Shah Jaipur
Publication Year
Total Pages296
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy