SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 278
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ शुद्धिपत्र ] पृष्ठ पंक्ति २०७ २२ २११ ३३ २१२ २६ २१२ ३४ २१४ २९ २१४ ३४ २१५ १९ २१७ ११ अशुद्ध समाधान — इसी सूत्र से जाना जाता है । जाते हैं समयबद्ध की स्थिति के भी तत्प्रायोग्य अधिक पूर्व में कि पूर्व में हए हैं एक साथ उदयट्ठिदी उदयस्थिति २१७ २८ २१८ २७ निर्लेपन काल है वह २२२ ३१ द्विगुण वृद्धिरूप २२६ १७ द्विगुणवृद्धि २३३ १२ अणुसिद्धीदो २३५ १४ महा प्रमाण २३६ २१ तीनों ही अघाति कर्मों का २३७ २०५९६ २३७ ३० २३९ २० काल तक २३९ २१ २३९ ३१ २४० १६ ३२ परिभाषारूप प्ररूपणा रखने वाला संज्वलन अनुभाग की अपवर्तना होती है । २४२ १५ सम्भव है । २४५ ३२ प्रदेश के अग्रभाग २४६ २४ क्योंकि प्रथम २५१ २२ स्थानरूप २५३ १८-१९ प्राप्त होने तक २५७ २२ असंख्यातासंख्यातवें २६३ २१ असंख्यात २६४ २१ प्रथम समय में २७२ २८ रस स्थान २७४ २९ जीद २७८ २४ पुन: इसमें क्रोध की द्वितीय संग्रह कृष्टि का शुद्ध समाधान — इसी सूत्र से जाना जाता है। और सूत्र अन्यथा नहीं होता; क्योंकि सूत्र के अन्यथात्व का विप्रतिषेध है । जायेंगे समयबद्ध की कर्मस्थिति के भी नियम से तत्प्रायोग्य अधिक काल वाले निर्लेपन स्थान में पूर्व में कि समस्त निर्लेपन स्थानों में पूर्व में हुए हैं ऐसे अनन्त हैं; एक साथ उदयदी [ उदयावलि ] उदयावलि निर्लेपन काल है वह अनुसमयनिर्लेपनकाल कहलाता है । वह X द्विगुणहानि अणुत्तसिद्धीदो माह प्रमाण तीन अघातिया कर्मों का तथा तीन शेष घाति कर्मों का ६५९७ परिभाषा के अर्थ की प्ररूपणा २४५ काल प्रमाण रखने वाला अनुभागकाण्डकघात संज्वलन अनुभाग की अनुसमय अपवर्तना होती है उससे उसी समय बध्यमान उत्कृष्ट कृष्टि अनन्तगुणी होन होती है । असम्भव है । प्रदेश समूह क्योंकि चारों प्रथम अध्वानरूप नहीं प्राप्त होने तक असंख्याता संख्यात अनन्त द्वितीय समय में इस स्थान जीव पुनः क्रोध की द्वितीय संग्रह कृष्टि में प्रथम संग्रह कृष्टि का
SR No.090228
Book TitleKasaypahudam Part 16
Original Sutra AuthorGundharacharya
AuthorFulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
PublisherBharatvarshiya Digambar Jain Sangh
Publication Year2000
Total Pages282
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Karma, & Religion
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy