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जयधवलासहिदे कसायपाहुडे ३१९. केत्तियमेत्तेण ? अंतोमुहुत्तमेत्तेण । किं कारणं? चडमाणो जम्हि असंखेज्जाणं समयपवद्धाणमुदीरणमाढवेइ तमुद्दे समंतोमुहुत्तेण पावेयण ओदरमाणयस्स असंखेज्जलोगपडिभागिया उदीरणा पारभदि । तेणेदस्स पुन्विल्लादो विसेसाहियभावो ण विरुज्झदे।
* पडिवदमाणयस्स अणियटिअद्धा संखेनगुणा ।
$ ३२०. किं कारणं ? हेडिमासेसपदाणमणियट्टिअद्धाए असंखेज्जदिमागपडिभागत्तादो।
* उवसामगस्स अणियहिअद्धा विसेसाहिया । 5 ३२१. केत्तियमेत्तेण ? अंतोमुहुत्तमेचेण । * पडिवदमाणयस्स अपुवकरणद्धा संखेनगुणा ।
5 ३२२. कुदो १ अणियट्टिपरिणामावट्ठाणकालादो अपुन्यकरणावडाणकालस्स तहाभावेणावद्विदत्तादो।
* उवसामगस्स अपुवकरणद्धा विसेसाहिया । ६३२३. सुगमं । * पडिववमाणगस्स उक्कस्सओ गुणसेढिणिक्खेवो विसेसाहिओ। ६३१९. शंका-कितना अधिक है ?
समाधान-अन्तमहतंप्रमाण अधिक है, क्योंकि चढ़नेवाला जीव जिस स्थानमें असंख्यात समयप्रबद्धोंकी उदीरणाका आरम्भ करता है उस स्थानको अन्तर्मुहूर्तकाल द्वारा प्राप्त करके उतरनेवाले जीवके असंख्यात लोकके प्रतिभागके अनुसार उदोरणा प्रारम्भ होती है, इसलिए इसका पहलेके स्थानकी अपेक्षा विशेष अधिकपना विरोधको प्राप्त नहीं होता।
* गिरनेवाले जीवका अनिवृत्तिकरणकाल संख्यातगुणा है।
$ ३२०. क्योंकि अधस्तन समस्त पद अनिवृत्तिकरणकालके असंख्यातवें भागप्रमाण प्रतिभागके अनुसार होते हैं।
* उपशामकका अनिवृत्तिकरणकाल विशेष अधिक है। ३३२१. शंका-कितना अधिक है ? समाधान–अन्तर्मुहूमात्र अधिक है। * गिरनेवाले जीवका अपूर्वकरणकाल संख्यातगुणा है।
5 ३२२. क्योंकि अनिवृत्तिकरण परिणामोंके अवस्थानकालसे अपूर्वकरणका अवस्थानकाल उस रूपसे अवस्थित है।
* उपशामक जीवका अपूर्वकरणकाल विशेष अधिक है। ३२३. यह सूत्र सुगम है। * गिरनेवाले जीवका उत्कृष्ट गुणश्रेणिनिक्षेप विशेष अधिक है।