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विषय
मंगलाचरण
वेद अनुयोगद्वारके दो उत्तर भेदाको सूचना
उदयका लक्षण
विषय-सूची
उदीरणाका लक्षण
उदय और उदीरणा दोनोंकी वेदक संज्ञा होनेका
खुलासा
इस विषय में चार सूत्र गाथाओं की सूचना
प्रथम सूत्रगाथा और उसका खुलासा
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શ્
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દુર્
प्रथम सूत्र गाथा के प्रथम पावसे प्रवृतिउदीरणायोर्गदर्शन्तरवार्य श्री सुविधिसागर जी महाराज सूचना मिलती है इसका निर्देश
३
नाना जीवोंकी अपेक्षा भंगविषय
दूसरे पाद प्रकृतिउदय और प्रकृतिप्रवेशकी सूचना मिलती है इसका निर्देश क्षेत्र, भव, काल और गद्क ये कर्मोदय और करण के निमित्त हैं इसका उक्त गाया के उत्तरार्ध द्वारा निर्देश
कुछ परिवर्तन पूर्वक उक्त गाथाके उक्त अर्थका खुलासा
द्वितीय सूत्र गाथा के पूर्वार्धं द्वारा स्थिति, अनुभाग और प्रदेशकी सूचना
तथा उत्तरार्ध द्वारा कालादि अनुयोगद्वारों की सूचना
६
तृतीय सूत्र गाथा द्वारा भुजगार अनुयोगद्वार और उसके कालादि उत्तर अनुयोगद्वारोंकी सूचना चतुर्थ सूत्र गाया द्वारा बन्ध, संक्रम, उदय, उदीरणा और सत्य इनकी तथा इनके अल्पबहुत्वकी सूचना
प्रथम गाथा किस अर्थ में निबद्ध है इसका चूर्णि सूत्रों द्वारा खुलासा
प्रवृतिउदीरणाके दो और उन्हें स्थगित करनेकी सूचना
ऐकैक प्रकृति उदीरणा के दो भेद और उनके
नीम अनुयोगद्वारों की सूचना
उदीरणाने चार भेदोकी सूचना
५.
६
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८
विषय
प्रकृति उदोरणाके दो भेदोंकी तथा उसके १७ अनुयोगद्वारोंकी सूचना
१ मूलप्रकृतिउदीरणा
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多
समुत्कीर्तनानुगम
सादि आदि ४ अनुयोगद्वार स्वामित्वानुगम
कालानुगम
भागाभागानुगन परिमाणानुगम क्षेत्रानुगम स्पर्शनानुगम
कालानुगम
अन्तरानुगम
भावानुगम
अल्पबहुत्वानुगम
उत्कृष्टानुत्कृष्ट उदीरणानुगम
जघन्याजधन्य उदीरणानुगम
सादि आदि ४ अनुयोगद्वार स्वामित्वानुगम
कालानुपम
१०
अन्तरानुगम ११ रात्रिकर्मानुगम
२ एकैक उत्तर प्रकृतिउदीरणा
उत्तरप्रकृतिउदीरणा के दो भेदोंका निर्देश एकेक उत्तरप्रकृतिउदीरणाके २४ अनुयोग द्वारोंका निर्देश समुत्कीर्तनानुगम
सर्व नोसर्व उदीरणानुगम
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