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गा० ६२ ]
सुत्तगाहाणं विसयविभागपरूवणा संतकम्पमिदि एदेसि पंचएहं वियप्पाणं जहएणस्स जहण्णएण, उकस्सस्स उक्कस्सएण पयडीहिं हिदीहिं अणुभागेहिं पदेसेहि य थोवबहुत्तपरूवणा । एदिस्से चउत्थसुत्तगाहाए अत्थो नि सिद्ध ।
१२. एवमेदासिं सुत्तगाहाणमत्रयारं कादण संपाहि एत्थ पढमगाहाए वक्खाणं कुणमाणो चुरिणसुत्तयारो एसा गाहा पदम्मि अत्थविसेसे पडिबद्धा ति जाणावणहमुत्तरसुत्त माह
तस्थ पढमिल्लगाहा पयडिउदीरणाए पयडिउवए घबछा ।
१३ गयत्थमेदं सुत्तं, गाहाणमुत्थाणस्थपरूवणाए चेव पयदत्थस्स समस्थियत्तादो । एवमेदेण सुत्तेण पयडिउदीरणाए पयडिउदए च पढमगाहाए पडिबद्धत्तं सामगणेण जाणाविय संपाहि पदच्छेदमुहेण पढमगाहाए कदमम्मि पदे पयडिउदीरणा पडिबद्धा, कदमम्मि चा पयडिउदयो त्ति एदस्स विसेसस्स जाणावणट्टमुत्तरं सुत्तमाह
* कदि आवलियं पवेसेदि त्ति एस गाहाए पढमपादो पयडिउदीरणाए।
१४. एत्थ पडिबद्धो त्ति अहियारसंबंधो कायब्यो । सेसं सुगमं । एवं ताव गाहापढमावयवे पयडिउदीरणाए पडिबद्धत्तं परूविय पुणो बि तत्थेव विसेसपाकिदमिदमार्य श्री सुविधिसागर जी महाराज
रणा और सत्कर्म इसप्रकार इन पाँच भेदोंके जघन्यका जघन्यके साथ और उत्कृष्टका उत्कृष्टके साथ प्रकृतियों, स्थितियों, अनुभागों और प्रदेशोंका अवलम्बन लेकर अल्पवहुस्वकी प्ररूपणा की गई है। इस प्रकार यह चौथी सूत्रगाथाका अर्थ है. यह सिद्ध हुआ।
१२. इस प्रकार इन सूत्रगाथाओका अवतार करके अब यहाँ पर प्रथम गाथाका व्याख्यान करते हुए चूर्णिसूत्रकार यह गाथा इस अर्थविशेष प्रतिबद्ध है ऐसा जतलाने के लिये आगेके सूत्रको कहते हैं
* उनमेंसे प्रथम गाथा प्रकृति उदीरणा और प्रकृति उदयमें प्रतिबद्ध है ।
१३. यह सूत्र गतार्थ है, क्योंकि उक्त गाथाओंके उत्थानिकारूप अर्थ की प्ररूपणाके द्वारा ही प्रकृत अर्थका समर्थन कर श्राये हैं। इस प्रकार इस सूत्रके द्वारा प्रथम गाथा प्रकृति उदीरणा और प्रकृति उदयमें प्रतिबद्ध है इस वातका सामान्यसे ज्ञान कराके अब पदच्छेदकी प्रमुखतासे प्रथम गाथाके किस पदमें प्रकृतिउदीरणा प्रतिबद्ध है तथा किस पदमें प्रकृतिउदय प्रतिबद्ध है इस प्रकार इस विशेषता ज्ञान करानेके लिये आगेका सूत्र कहते हैं
* 'कदि आवलियं पवेसेदि' यह गाथाका प्रथम पाद प्रकृतिउदीरणामें प्रति
६१४. यहाँ प्रतिबद्ध है इस पदका अधिकारके साथ सम्बन्ध करना चाहिए। शेप कथन सुगम है। इस प्रकार गाथाके प्रथम अवयवमें प्रकृतिउदीरणाकी प्रतिबद्धताका कथन करके फिर भी उसीमें विशेष अर्थका निधारण करने के लिए यह वचन कहा है