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जयधवलासहिदे कसायपाहुडे
[ बंधगो ६
विशेषार्थ —– यहाँ पर भागाभाग आदि चार प्ररूपणाओंको अनुभागविभक्तिके समान जानने की सूचना की है, अतः यहाँ पर क्रमसे उनका विचार करते हैं । यथा-भागाभाग दो प्रकारका हैजघन्य और उत्कृष्ट । उत्कृष्टका प्रकरण है । उसका निर्देश दो प्रकारका है - ओघ और आदेश । छब्बीस प्रकृतियोंके उत्कृष्ट अनुभागके संक्रामक जीव सब जीवोंके अनन्तवें भागप्रमाण हैं तथा अनुत्कृष्ट अनुभागके संक्रामक जीव सव जीवोंके अनन्त बहुभागप्रमाण हैं । सम्यक्त्व और सम्यग्मिध्यात्वके उत्कृष्ट अनुभागके संक्रामक जीव सब जीवोंके असंख्यात बहुभागप्रमाण हैं तथा अनुकृष्ट अनुभाग के संक्रामक जीव सब जीवोंके असंख्यातवें भागप्रमाण हैं । यह ओघ प्ररूपणा है । आदेश से इसी विधिको ध्यान में रखकर घटित कर लेना चाहिए । जघन्यका प्रकरण है । निर्देश दो प्रकारका है - श्रघ और आदेश । श्रोघसे मिथ्यात्व, सम्यक्त्व, सम्यग्मिथ्यात्व और आठ कंषायोंके जघन्य अनुभाग के संक्रामक जीव सब जीवोंके श्रसंख्यातवें भागप्रमाण हैं तथा जघन्य अनुभागके संक्रामक जीव सब जीवोंके असंख्यात बहुभागप्रमाण हैं। शेष प्रकृतियोंके जघन्य अनुभागके संक्रामक जीव सब जीवोंके अनन्तवें भागप्रमाण हैं तथा जघन्य अनुभागके संक्रामक जीव सब rain बहुभाग प्रमाण हैं । यह श्रोघप्ररूपणा है । इसी प्रकार विचारकर प्रदेशसे जान लेना चाहिए ।
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परिमाण दो प्रकारका है— जघन्य और उत्कृष्ट । उत्कृष्टका प्रकरण है । निर्देश दो प्रकारका है - और आदेश । श्रघसे छब्बीस प्रकृतियोंके उत्कृष्ट अनुभागके संक्रामक जीव असंख्यात हैं तथा अनुत्कृष्ट अनुभागके संक्रामक जीव अनन्त हैं । सम्यक्त्व और सम्यग्मिथ्यात्वके उत्कृष्ट अनुभागके संक्रामक जीव असंख्यात हैं तथा अनुत्कृष्ट अनुभाग के संक्रामक जीव संख्यात हैं । यह
प्ररूपणा है । इसी प्रकार आदेश से विचारकर जान लेना चाहिए। जघन्यका प्रकरण है । निर्देश दो प्रकारका है— ओघ और आदेश । ओघसे मिध्यात्व और मध्यकी आठ कषायोंके जघन्य और अजघन्य अनुभागके संक्रामक जीव अनन्त हैं । सम्यक्त्व और सम्यग्मिथ्यात्व के जघन्य अनुभाग के संक्रामक जीव संख्यात हैं तथा जघन्य अनुभागके संक्रामक जीव असंख्यात हैं । अनन्तानुबन्धीचतुष्कके जघन्य अनुभागके संक्रामक जीव असंख्यात हैं तथा जघन्य अनुभाग के संक्रामक जीब अनन्त हैं । चार संचलन और नौ नोकषायोंके जघन्य अनुभागके संक्रामक जीव संख्यात हैं तथा अजघन्य अनुभागके संक्रामक जीव अनन्त हैं । यह प्ररूपणा है । इसी प्रकार आदेशसे विचार कर जान लेना चाहिए ।
क्षेत्र दो प्रकारका है - जघन्य और उत्कृष्ट । उत्कृष्टका प्रकरण है। निर्देश दो प्रकारका हैऔर आदेश । श्रघसे छब्बीस प्रकृतियोंके उत्कृष्ट अनुभागके संक्रामक जीवोंका क्षेत्र लोक के असंख्यात भागप्रमाण है तथा उत्कृष्ट अनुभागके संक्रामक जीवोंका क्षेत्र सर्वलोक है । सम्यक्त्व और सम्यग्मिथ्यात्व के उत्कृष्ट और अनुत्कृष्ट अनुभागके संक्रामक जीवोंका क्षेत्र लोकके असंख्यातवें भाग प्रमाण है यह प्ररूपणा है इसी प्रकार विचार कर आदेशसे जान लेना चाहिए। जघन्यका प्रकरण है । निर्देश दो प्रकारका है - ओघ और आदेश । श्रघसे मिथ्यात्व और आठ कषायों के जन्य और जघन्य अनुभागके संक्रामक जीवोंका क्षेत्र सब लोक है। सम्यक्त्व और सम्यग्मिथ्यात्वके जघन्य और अन्य अनुभाग के संक्रामक जीवोंका क्षेत्र लोकके असंख्यातवें भाग है । शेष प्रकृतियों के अन्य अनुभागके संक्रामक जीवोंका क्षेत्र लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण है तथा जघन्य अनुभाग संक्रामक जीवोंका क्षेत्र सब लोक है । यह श्रघप्ररूपणा है । इसी प्रकार विचार कर आदेशसे जान लेना चाहिए ।
स्पर्शन दो प्रकारका है - जघन्य और उत्कृष्ट । उत्कृष्टका प्रकरण है । निर्देश दो प्रकारका - श्रोध और आदेश । घसे छब्बीस प्रकृतियोंके उत्कृष्ट अनुभाग के संक्रामक जीवोंने लोकके