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गा० ५८] उत्तरपडिपदेससंकमे सामित्तं
१८७ ५२. जेण तिण्हं वेदाणं पूरिदकम्मंसिएण पुरिसवेदो उक्कस्सओ कोहसंजलणे संछुद्धो तेणेव तत्तो अंतोमुहुत्तमुवरि गंतूण जाधे कोधसंजलणणो सव्यसंकमेण माणसंजलणे संछुब्भदे ताधे तस्स जीवस्स कोहसंजलणविसयो उकस्सओ य एस संकमो होइ ति सुत्तत्थसंबंधो। परोदएणेव सामित्तावहारणमेत्थ वि कायव्यं; सोदएण सामित्तविहाणे पढमद्विदीए बहुदबहाणिप्पसंगादो। एवं कोहसंजलणस्स सामित्तपरूवणं काढूण संपहि माण-मायासंजलणाणं पि एसो चेव सामित्तालावो थोवयरविसेसाणुविद्धो कायव्यो ति पदुप्पायण?मुत्तरसुत्तद्दयमाह
8 एदस्स चेव माणसंजलणस्स उक्कस्सओ पदेससंकमो कायव्वो। पवरि जाधे माणसंजलणो मायासंजलणे संछभइ ताधे।।
® एदस्स चेव माया- संजलणस्स उक्कस्सो पदेससंकमो कायव्वो। पवरि जाधे मायासंजलणो लोभसंजलणे संछुन्भह ताधे।
५३. एदाणि दो वि सुत्ताणि सुगमाणि । णवरि माया-लोहोदएहि वड्डिदस्स माणसंजलणसामित्तं वत्तव्यं । लोभोदएणेव सेढिमारूढस्स मायासंजलणसामित्तं होइ ति दट्ठव्वं।
* लोभसंजलणस्स उक्कस्सो पदेससंकमो कस्स ?
५२. तीन वेदोंके कमांशको पूरित कर जिसने उत्कृष्ट पुरुषवेदको क्रोधसंज्वलनमें संक्रमित किया है वही जब वहाँसे अन्तर्मुहूत आगे जाकर क्रोधसंज्वलनको सर्वसंक्रमके द्वारा मानसंज्वलनमें संक्रमित करता है तब उस जीवके क्रोधसंज्वलनविषयक यह उत्कृष्ट संक्रम होता है इस प्रकार यह सूत्रार्थसम्बध है । यहाँ पर भी परोदयसे ही स्वामित्वका निश्चय करना चाहिए, क्योंकि स्वोदयसे स्वामित्वका कथन करने पर प्रथम स्थितिके द्वारा बहुत द्रव्यकी हानिका प्रसङ्ग आता है। इस प्रकार क्रोधसंज्वलनके स्वामित्वका कथन करके अब मान और मायासंज्वलनका भी यही स्वामित्वसम्बन्धी आलाप अपेक्षाकृत थोड़ी विशेषताको लिए हुए करना चाहिए इस बातका ज्ञान करानेके लिए आगेके दो सूत्र कहते हैं__* इसी जीवके मानसंज्वलनका उत्कृष्ट प्रदेशसंक्रम करना चाहिए। किन्तु इतनी विशेषता है कि जब मानसंम्बलन मायासंज्वलनमें प्रक्षिप्त होता है उस समय मानसंज्वलनका उत्कृष्ट प्रदेशसंक्रम होता है।
* तथा इसी जीवके मायासंज्वलनका उत्कृष्ट प्रदेशसंक्रम करना चाहिए। किन्तु इतनी विशेषता है कि जब मायासंज्वलन लोभसंज्वलनमें संक्रमित होता है तब माया संज्वलनका उत्कृष्ट प्रदेशसंक्रम होता है ।
६५३. ये दोनों ही सूत्र सुगम हैं । इतनी विशेषता है कि माया और लोभके उदयसे श्रेणि पर आरोहण करनेवाले जीवके मानसंज्वलनका स्वामित्व कहना चाहिए । तथा मात्र लोभके उदयसे श्रेणिपर चढ़े हुए जीवके मायासंज्वलनका स्वामित्व होता है ऐसा जानना चाहिए।
* लोभसंज्वलनका उत्कृष्ट प्रदेशसंक्रम किसके होता है ?