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________________ धर्मको आधारशिला - आत्मत्व १३ उठाने का कोई कारण नहीं रहता। ऐसा धर्म जिस आत्मायें, जिस जातिमें, जिस देशमें अवतीर्ण होता है, वहाँ आनन्दका सुत्रांशु अपनी अमृतमयी किरणोंसे समस्त सन्तापको दूरकर अत्यन्त उज्ज्वल तथा आह्लाद प्रद अवस्थाको उत्पन्न करता है । ऐसे धर्मको अवस्थिति में शत्रुता नहीं रहती । स्वतन्त्रता, स्नेह, समृद्धि, शान्ति सभी आध्यात्मिक, आधिभौतिक, आधिदैविक आदि सर्वतोमुखी अभिवृद्धिसे वह व्यक्ति अथवा राष्ट्र पवित्र होता है। जब इस पुण्य भू भारतमें धर्ममय जीवनबाली विभूतियोंकर विहार होता था, तब यही भारत सर्वतोमुखी उन्नतिका क्रमस्थल बना हुआ था और मनके शब्दों में इम देशकी गुणगाथा देवता भी गाया करते थे । धर्मकी आधारशिला-- आत्मत्व भारतीय दर्शनों में चार वाक् अर्थात् मधुर-भाषी चार्वाक सिद्धान्त अपना निराला राग आलापता है। इस दर्शनको दृष्टिमें वे ही बातें मान्य हैं जो प्रत्यक्ष ज्ञानका विषय बनती हैं। सुकुमार- बुद्धि तथा भोग-लोकुपी लोगोंको विषयोंमें प्रवृत्त कराने में यह ऐसी तर्कपूर्ण सामग्री प्रदान करता है कि लोग इसके चक्कर में उसी प्रकार फँस जाते हैं, जिस प्रकार मधुके नावूर्यसे आकर्षित मक्षिका मधु पुत्रजमें रसपान करते करते अन्तमें कष्टपूर्वक प्राणोंका विर्सजन कर बैठती है । इस चाकी प्रत्यक्षकी एकान्तमान्यता अनुमान प्रमाणको माने बिना टिक नहीं सकती । कमसे कम अपने सिद्धान्तके समर्थन में वह कुछ युक्ति सो देगा, जिससे प्रत्यक्ष में प्रामाणिकता पायी जाए। उस युक्ति से यदि पक्षसमर्थन किया तो 'साधनात् साध्यविज्ञानम्' रूप अनुमानप्रमाणसे चावकिकी 'प्रत्यक्ष ही प्रमाण है' इस मान्यताका मूलोच्छेद हुए बिना न रहेगा' । इस विचार प्रणालीबाले धर्मका उपहास करते हुए कहते है- बांके बिना जैसे बांसुरी नहीं बनती, उसी प्रकार आत्मतत्त्वके अभाव मे धर्मको अवस्थिति भी कैसे हो सकती है। ऐसी स्थितिमें धर्म द्वारा उस काल्पनिक आत्माके लिए १. प्रत्यक्षं प्रमाणम् अविसंवादित्वात् अनुमानादिकमप्रमाणं विसंवादित्वादिति लक्षयतोऽनुमानस्य बलात् व्यवस्थितेनं प्रत्यक्षमेकमेव प्रमाणमिति व्यवतिष्ठते ।" अष्टसहस्री विद्यामन्दि १० ९५ ।
SR No.090205
Book TitleJain Shasan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSumeruchand Diwakar Shastri
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year
Total Pages339
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Culture
File Size7 MB
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