________________
दिवंगत समाजसेवी
पूर्वाचल प्रदेश के जैन बन्धु अपनी धार्मिक आस्था, समाज सेवा एवं दानशीलता के कारण सारे देश में समादृत हैं। अधिक संख्या में नहीं होते हुये भी उन्होंने समाज की प्रत्येक गतिविधि में अपना योगदान दिया है और वर्तमान में भी दिया जा रहा है। अपनी व्यापारिक दक्षता के कारण वे समाज के विकास मे अपनी चंचला लक्षमी का उपयोग करते हैं। वे मुनियों के कट्टर भक्त हैं इसलिये उनके विहार एवं चातुर्मास कराने में पूर्ण रुचि लेते हैं। आहार देते हैं तथा तीर्थो के जीर्णोद्धार में, विकास में अपना सबसे प्रथम नाम लिखाते हैं। इसलिये पूर्वाञ्चल प्रदेश का जैन समाज सारे देश के समाज के लिये उपयोगी समाज है। घर से डोर, लोटा एवं सत्तु बांधकर जाने वाले इन लोगों ने अपनी लगन, कठिन परिश्रम एवं व्यापारिक सूझ-बूझ से आर्थिक दृष्टि से सम्पन्नता प्राप्त की है जिस पर पूरे समाज को गर्व है ।
पूर्वाञ्चल प्रदेश की जैन समाज ने दि. जैन महासभा को दो अध्यक्ष दिये और उसके वर्तमान अध्यक्ष श्री निर्मलकुमार सेठी जी भी पूर्वाचल की ही देन हैं। इसलिये वर्तमान समाज सेवियों की व्यक्तिशः सामाजिक सेवाओं के साथ उनका संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत करने के पूर्व हम उन सभी दिवंगत समाजसेवियों के प्रति अपनी सादर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने तनमनधन से समाज के विकास में योगदान दिया । स्व. इन्द्ररचन्द जी पाटनी से तो जब मैं डीमापुर गया था तब भेंट हुई थी और उन्होंने समाज के इतिहास लेखन की योजना को बहुत पसन्द किया था तथा जैन इतिहास प्रकाशन संस्थान के परम संरक्षक सदस्य बनने की भी कृपा की थी। इसलिये स्व. पाटनी जी के प्रति हमारी श्रद्धांजलि प्रस्तुत करते हुये सर्वप्रथम दिवंगत समाजसेवियों का परिचय उपस्थित कर रहे हैं।
1.
2.
3.
4.
5.
6.
7.
8.
स्व. श्री इन्द्रचन्द पाटनी
स्व. श्री किशनलाल सेठी
स्व. श्री चांदमल पाण्ड्या सरावगी
स्व. श्री जेठमल सेठी
स्व. श्री डूंगरमल सरावगी पाण्ड्या
स्व. श्री नेमीचन्द सरावगी पाण्ड्या
स्व. श्री फूलचन्द सेठी
स्व. श्री भंवरीलाल बाकलीवाल
५.
10.
11,
12.
13.
सम्पादक
स्व. श्री लक्ष्मीनारायण बज
स्व. श्री हीरालाल सेठी
स्व. श्री कन्हैयालाल सेठी
स्व. श्री हरकचन्द सेठी
स्व. श्री संजय सेठी