SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 694
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ यशस्वी समाजसेवी /679 श्रीमती सुदर्शनदेवी छाबड़ा श्रीमती छाबड़ा स्वाध्यायशील महिला हैं । आपकी गणना जयपुर की प्रगतिशील एवं समाजसेवी महिलाओं में की जाती है। आपने धर्मालंकार परीक्षा पास की है। महिला जागृति संघ की उपाध्यक्ष रह चुकी हैं । आपके पति श्री कुन्दनलाल जी छाबड़ा मोटर पार्टस के व्यवसायी हैं तथा ज्येष्ठ पुत्र श्री राजकुमार जी छाबड़ा भी उत्साही कार्यकर्ता हैं। श्री हीरालाल रानीवाला, जन्म : माह बुद्दी 2, संवत् 1965 लश्कर नगर के प्रसिद्ध श्रेष्ठी चम्पालाल रानीवाला के सुपुत्र श्री हीरालाल रानीवाला प्रसिद्ध समाजसेवी रहे हैं । आपका जीवन शुद्ध एवं धार्मिक रहा है। आपने श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी में दो छतरियां मंदिर के द्वार पर एवं राजगिरी क्षेत्र पर एक हाल का निर्माण करवाया । मुनियों के परम भक्त हैं । आप अग्रवाल जाति में उत्पन्न गर्ग गोत्रीय श्रावक हैं । रानीवाला परिवार वर्तमान में देश के विभिन्न प्रदेशों में फैला हुआ है और सभी स्थानों पर वह अपनी धार्मिकता एवं दानशीलता के लिये प्रसिद्ध है। डा. हुकमचन्द सेठी हृदयरोग के विशेषन्न डा. हुकमचन्द सेठी की चिकित्सा क्षेत्र में अच्छी प्रतिष्ठा है। गरीबों एवं अभावग्रस्त मरीजों की सेवा करने में विशेष रुचि लेते हैं। आप राजस्थान जैन सभा से वर्षों तक जड़े रहे । पता : सेठी धवन, चौरकों का रास्ता, जयपुर । श्री हरकचन्द सरावगी (पांड्या) जैनरल की उपाधि से अलंकृत श्री हरकचन्द सरावगी जैन समाज के प्रसिद्ध सामाजिक नेता हैं । आपका जन्म संवत् 1:१) के माघ मास में सुजानगढ़ से 40 मील दूर जसरासर ग्राम में हआ। उस समय सन 1915 चल रहा था। आपके पिताश्री ज्ञानीराम जी सरावगी जट के प्रमुख व्यवसायी थे। आपका 85 वर्ष की आयु में सन 1975 में स्वर्गास हुआ । उसके वर्ष पश्चात् सन् 1983 में आपकी माताजी श्रीमती मगतुलीदेवी का स्वर्गवास हो गया । श्री हरकचन्द जो जब 16 वर्ष के थे तभी आपका विवाह सन् 1930 में जिलिया प्राम की श्रीमती डिलिया देवी के साथ संपन्न हो गया । उसी के पक्ष र सन् 1937 में कलकत्ता तथा ईस्ट बंगाल में पाट का कार्य देखने लगे।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy