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________________ 678/ जैन समाज का वृहद् इतिहास श्री सीताराम पाटनी आपकी जन्मभूमि सांगा का वास रेनवाल राज) होने के कारण आप सोगा पाटनी के नाम से अधिक प्रसिद्ध है। पाटनी जी कलकत्ता के थोक व्यवसायी है। अपने व्यापार व्यवसाय में जो कुछ सफलता प्राप्त की है उस सबमें आपकी सूझबूझ एवं व्यापारिक कुशलता ही एकमात्र कारण है। आपका जन्म सन् 1976 में हुआ। शिक्षा के नाम पर आपने बहुत कम शिक्षा प्राप्त की। आपको माता आपको ढाई वर्ष का छोड़कर चल बसी और आपके पिताजी श्री छोगामल जी 17 वर्ष की अवस्था में स्वर्ग सिधार गये । आपके बड़े भाई श्री कन्हैयालाल जी भी संवत् 2010 में स्वर्गवासी हो गये । संवत् 1994 में आपका विवाह हुआ। आपकी पत्नी का नाम बनारसी देवी है। इस परिवार के स्व.जमनालाल जी सांगा व स्व.कन्हैयालाल जी सांगा ने किशनगढ़ में कई सार्वजनिक सेवा के निर्माण कार्य कराये हैं: 1- श्री जमनालाल जी सांगा की धर्मपली श्रीमती सुंदरदेवी व श्री कन्हैयालाल जी सांगा की धर्मपत्नी श्रीमती बसंतीदेवी ने स्थानीय श्री दि. जैन मंदिर के ऊपर एक बर्धमान चैत्यालय का निर्माण कराके उसमें समवसरण स्थापित करके उसकी वेदी प्रतिष्ठा विक्रम सं. 2012 में संपन्न कराई। 2- श्री जमनालाल जी सांगा ने किशनगढ़ में एक सांगाका जैन भवन का निर्माण कराया व दि.जैन दातव्य औषधालय के मना कानिर्माण करामा: 3- श्री जमनालाल जी सांगा ने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती सुंदरदेवी के नाम से श्रीमती सुंदरदेवी उच्च प्राथमिक कला विद्यालय के विशाल भवन का निर्माण कराया। 4-श्री स्व.कन्हैयालाल जी सांगा ने अपना एक मकान व दस हजार नकद एक अस्पताल के लिये सरकार को दिये। यह अस्पताल अब वर्तमान में बहुत विशाल रूप में श्री कन्हैयालाल जी मेमोरियल राजकीय अस्पताल के नाम से संचालित है व आपका परिवार अस्पताल के लिये अब भी 40 साल से बराबर हर प्रकार का सहयोग दे रहा है । 5- श्री स्व कन्हैयालाल जी सांगाका के छोटे भाई श्री सीताराम जी सांगाका भी बहुत सेवाभावी धर्मात्मा सज्जन हैं । गत 75 वर्ष से आपका कारोबार कलकत्ता में श्री कन्हैयालाल सीताराम की फर्म के नाम से चलता है । 6- श्री सीताराम जी पाटनी गत 25 वर्ष से स्थानीय श्री दि जैन दातव्य औषधालय के सभापति श्री कन्हैयालाल राज, अस्पताल की विकास समिति के संरक्षक हैं । आपने किशनगढ़ में आचार्यकल्प श्री श्रुतसागर जी महाराज के विशाल संघ का चातुर्मास भी कराया है जिसमें लगातार 6 महिने तक काफी धर्म प्रभावना रहीं । आप हमेशा धार्मिक व सामाजिक कार्यों को संपन्न कराने में अग्रणी रहे हैं। कलकते की दि.जैन समाज में भी आपका प्रमुख स्थान है व वहां की प्रत्येक सामाजिक गतिविधियों में आप सक्रिय भाग लेते हैं। पता - 33, आरमेनियन स्ट्रीट,कलकत्ता ।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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