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________________ I यशस्वी समाजसेवी / 675 जैन विद्वत् परिषद् के अध्यक्ष रह चुके हैं तथा वर्तमान में उसके संरक्षक हैं। वे लेखनी के धनी है तथा सतत कुछ न कुछ लिखा ही करते हैं। जयपुर के जैन दीवानों पर आपने विशेष कार्य किया है। पंडित चैनसुखदास जी न्यायतीर्थ के आप प्रमुख एवं प्रिय शिष्य रहे हैं। न्यायतीर्थ जी का जन्म 2 दिसम्बर 1915 को हुआ। उनके 76 वें वर्ष में पदार्पण पर जयपुर जैन विद्वत परिषद् की ओर से सार्वजनिक सम्मान समारोह का आयोजन रखा गया था। आपकी पत्नी का स्वर्गवास हो गया है। आपके एक पुत्र श्री निर्मल जैन एवं एक पुत्री है। तीन पौत्रियां है। श्री राजमल जैन बेगस्या जयपुर जैन समाज के लोकप्रिय कवि श्री राजमल जैन बेगस्या युवा समाजसेवी हैं। आपने राजस्थानी भाषा में और विशेषतः जयपुरी भाषा में अपने आध्यात्मिक, उपदेशी एवं कथापरक गीत एवं कविता सुनाकर सबको आनन्द विभोर कर देते हैं। पक्ष के दिनों में, साबु के कत्रि में आप विशेष रूप से आमंत्रित किये जाते हैं । श्री राजमलजी का जन्म 17 मार्च सन् 1937 को हुआ । एम.ए. (इतिहास एवं समाजशास्त्र) किया । सन् 1958 में आपका विवाह श्रीमती विजयादेवी के साथ संपन्न हुआ। आप वर्तमान में राजस्थान राज्य सेवा में कार्यरत हैं। आपकी कविताओं / गीतों का संग्रह "राज रचना" के नाम से प्रकाशित हो चुका है। पता : कल्याण जी का रास्ता, चांदपोल बाजार, जयपुर श्री रामचन्द्र कासलीवाल एडवोकेट दि. जैन मंदिर महासंघ जयपुर के संस्थापक अध्यक्ष श्री रामचन्द्र कासलीवाल नगर के प्रसिद्ध एडवोकेट हैं। जयपुर नगरपालिका के कई वर्षों तक निर्वाचित सदस्य रह चुके हैं। दि. जैन अ. क्षेत्र श्री महावीर जी के वर्षों से सक्रिय कार्यकारिणी सदस्य हैं। आप अपनी सूझबूझ, मिलनसारिता एवं कुशल व्यवहार के लिये प्रसिद्ध है। जयपुर नगर को 250 वीं वर्ष स्थापना समारोह के अवसर पर आपने कितने ही यशस्वी कार्य किये। पता : एस.बी.14, भवानीसिंह मार्ग, बापू नगर, जयपुर 1 श्री राजेश जैन कासलीवाल बिलारी (मुरादाबाद ) श्री राजेशकुमार जैन कासलीवाल युवा समाजसेवी हैं । धार्मिक कार्यों में रुचि रखते हैं। आप लॉ मेज्युएट हैं। बिलारी में नव मन्दिर निर्माण में आपका विशेष सहयोग रहा है। आपसे समाज को बहुत आशायें हैं I पता : मु.पो. बिलारी (मुरादाबाद) उत्तरप्रदेश
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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