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________________ 674/ जैन समाज का वृहद् इतिहास विशेष विवरण: विलाला परिवार के सभी सदस्य धार्मिक संस्कारों से ओतप्रोत हैं। सभी छोटे-बड़े, दादा-दादी,ताऊजी एवं चाचाजी, पौत्र एवं पौत्रियों में स्नेह एवं मधुर संबंध है तथा 50 व्यक्तियों का विशाल परिवार होने पर भी सभी एकता के सूत्र में बंधे हुये हैं । इस परिवार के नाथूलाल जी बिलाला बहुत धार्मिक प्रवृत्ति के थे । सभी में धार्मिक संस्कार उन्हीं की देन है। पूजा का कार्य म्होरीलालजी ने प्रारंभ किया जिसे बाद में कपूरचन्द जी,हाथीरामजी,गोपीचंद जी,फुहनलाल जी ने आगे बढ़ाया । आप लोगों के साथ और भी प्रतिष्ठित व्यक्ति सम्मिलित हो गये तथा दीवान जी की नशियों में 14 वर्ष तक साथ-साथ पूजा का कार्यक्रम करते रहे। इसके पश्चात आमेर रोड पर ही स्थित बिजैलालजी पांडया की नशियाँ में पजा की जाने लगी। आप लोगों का औरों ने भी साथ दिया। छुट्टनलाल जी के स्वर्गवास के पश्चात् श्री गोपीचंदजी एवं उनकी पत्नी जाने लगे। वर्तमान में आपके साथ 15-20 व्यक्ति पूजा अभिषेक करते हैं । बिलाला परिवार के सदस्यों के जाने के बाद यहाँ तीन वेदियाँ और बनवाई गई और सन् 1991 में वेदी प्रतिष्ठा का कार्य बहुत शानदार ढंग से संपन्न कराया गया । नशियों के जीर्णोद्धार का कार्य अभी चल रहा है। प्रतिष्ठान : बिलाला परिवार के त्रिपोलिया बाजार में चार प्रतिष्ठान,बापू बाजार में एक बिलालाज,जवाहरात के व्यवसाय की धी वालों का रास्ता में बिलाल ज्वैलर्स व हनुमान का रास्ता में अभिषेक है । वर्तमान में इस परिवार के अधिकांश सदस्य जवाज में कार का पीपा दे. असालों को लगाने का श्रेय ताराचंद जी एवं सुरेन्द्र कुमार जी को जाता है। बिलाला परिवार में स्वछुट्टनलाल जी बहुत ही सेवाभावी व्यक्ति थे । सामाजिक कार्यों में आगे रहते थे । परिवार को ऊंचा उठाने में आपका प्रमुख योगदान रहा । परिवार में श्री कपूरचन्द जी बिलाला सबसे वयोवृद्ध हैं । 96 बसन्त देख चुके हैं। धार्मिक प्रवृत्ति के हैं। पैरों में दर्द रहने के अतिरिक्त काफी स्वस्थ हैं । श्री गोपीचंद जी बिलाला 76 पार कर चुके हैं। लेकिन पूर्ण स्वस्थ एवं परिवार एवं समाज के सभी उत्तरदायित्वों को निभाते हैं। बिलाला परिवार को श्री दि.जैन अ. क्षेत्र पदमपुरा में निज मंदिर में फर्श बनवाने,श्री महावीर क्षेत्र में कमरे का निर्माण करवाने एवं बीजा पांड्या वाली नशियों का जीर्णोद्धार करवाने का सौभाग्य प्राप्त है । पता: बिलाला गार्डन 5, पुरानी आमेर रोड़,सुभाष चौक जयपुर। पं. भंवरलाल न्यायतीर्थ समाजरत्न पं.भंवरलाल जी न्यायतीर्थ जयपुर के जाने माने विद्वान है । वे इतिहास,जैन साहित्य एवं पुरातत्व के वरिष्ठ मनीषी हैं । विगत 50 वर्षों से उन्होंने समाज को जो सेवायें की हैं वे स्वर्णाक्षरों में लिखी जाने योग्य है । श्री दि.जैन अ.क्षेत्र पदमपुरा के 40 वर्षों से भी अधिक समय तक वे मंत्री रहे तथा उसको वर्तमान स्वरूप देने में आपने सर्वाधिक योगदान दिया । दि जैन संस्कृत महाविद्यालय के भी वे वर्षों तक मंत्री रहे और वर्तमान में उसके अध्यक्ष हैं। ___ महाविद्यालय के चहुंमुखी विकास में उन्होंने सदैव समर्पित भावना से कार्य किया। महावीर बालिका विद्यालय के आप पहले मंत्री एवं वर्तमान में उसके अध्यक्ष हैं । पत्रकारिता क्षेत्र में आपकी विशेष ख्याति है । वीरवाणी पाक्षिक पत्रिका के तो आप प्रारंभ से ही सम्पादक है । इसके अतिरिक्त आप जयपुर की बीसों संस्थाओं से सम्बद्ध रहे हैं। आप आरम्भ से ही वीर प्रेस के संचालक है । पं.भंवरलाल जी अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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