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________________ 668/ जैन समाज का वृहद् इतिहास आसानी से चुनाव वैतरणी पार कर ली। 1984 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश के भाजपा नेतृत्व ने आपको पालो जोरथ भगालोगारमात्र में गीता के दिग्गज नेता स्व.मूलचन्द डागा के सामने चुनाव लड़ने के लिये धकेल दिया जिसे आपने चुनौती के रूप में लिया। परिणाम यह हुआ कि आप चुनाव में विजयी तो नहीं हो सकी लेकिन समूचे प्रदेश में सबसे कम मतों के अन्तर से पराजित होने वाली आप ही थी। इसके बाद 1985 और 1990 के दोनों विधान सभा चुनावों में आप पाली क्षेत्र से विजयी हुई। 14 मार्च 1940 को आप शेखावत मंत्रीमंडल में उपरोक्त विभागों की मंत्री नियुक्त की गई। संगीत एवं कला में आपकी सक्रिय रुचि जन्मजात है । सुश्री पुष्पा प्रारम्भ से ही जैन संस्कारों में पली हैं । सामाजिक आयोजनों में आप खूब रुचि लेती हैं समाज को आप से बहुत आशाएं हैं । श्री प्रेमचन्द हैदरी सामाजिक सेवा में रुचि लेने वाले श्री प्रेमचन्द हैदरी जयपुर के यशस्वी समाजसेवी है। राजस्थान जैन साहित्य परिषद एवं वीर सेवक मंडल के साथ प्रारम्भ से ही जुड़े हुये हैं तथा जब कभी स्वयं सेवक के रूप में बाहर जाते रहते हैं। आपकी धर्मपत्नी श्रीमती कमलेश देवो महिला जागृत्ति संघ की सक्रिय सदस्य हैं। हैदरी के पिताजी अजीतमल जी भी समाज के गणमान्य सदस्य हैं तथा स्वाध्याय प्रेमी हैं । हैदरी आपका बैंक है । आप खण्डेलवाल दिगम्बर जैन हैं तथा बाकलीवाल गोत्र है। पता - हैदरी भवन,मनिहारों का रास्ता, जयपुर
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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