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________________ महाराष्ट्र एवं दक्षिण का जैन समाज /647 आपके एक पुत्री निलांजना काला एवं दो पुत्र निखिलेश एवं सिद्धार्थ कुमार है। आपके बड़े भाई श्री वर्धमान कुमार जी भी समाज सेवा में रुचि रखते हैं। पता - 74/432 टैगोर नगर विक्रोली,बम्बई - 400083 श्री मंगलचन्द पांड्या राजस्थान के भेरुदा ग्राम के पूर्व निवासी श्री मंगलचन्द पांड्या पहिले चालीस गाँव (महाराष्ट्र) के हतनूर गये और फिर वहां से 60 वर्ष पूर्व हैदराबाद आकर रहने लगे। आपका जीवन पूर्णतः धार्मिक है । साधु एवं मुनियों की सेवा करने में प्रसन्नता होती है। हैदराबाद एवं हस्तिनापुर पंचकल्याणकों में आप इन्द्र के पद से सुशोभित हो चुके हैं। हैदराबाद के चादरहाट मंदिर में भगवान महावीर की प्रतिमा विराजमान कर चुके हैं । अपने 80 वर्षीय जीवन में हैदराबाद जैन समाज के कितनी ही बार मंत्री रह चुके हैं। कट्टर मुनिभक्त हैं । आचार्य शांतिसागर जी से लेकर सभी मुनिराजों एवं आचार्यों को आहार देने का गौरव प्राप्त कर चुके हैं। सन् 1963 में आपने आर्यिका ज्ञानमती माताजी के संघ को हैदराबाद से श्रवणबेलगोला तक पहुंचाण था | 31 वर्ष की आयु में आपका विवाह श्रीमती ढूंढादेवी के साथ हुआ । आपके पिताजी श्री हेमराज जी का 32 वर्ष पहिले एवं माता चैनाबाई का 22 वर्ष पहिले स्वर्गवास हो चुका है | आपको 6 पुत्र एवं 2 पुत्रियों के पिता बनने का गौरव प्राप्त है। आपके सभी पुत्र सर्व श्री नरेन्द्रकुमार (44 वर्ष) महेन्द्रकुमार (42 वर्ष) राजकुमार (40 वर्ष) पवनकुमार (32 वर्ष) एवं दिलीप कुमार (25 वर्ष) अपने पिताजी के साथ ही आटोमोबाइल्स का व्यवसाय करते हैं। दोनों पुत्रियाँ निर्मला एवं सरोज का विवाह हो चुका है । तीर्थयात्रा प्रेमी हैं। सभी तीर्थों की वंदना कर चुके हैं। शिखर जी की 6 बार वंदना कर चुके हैं। पता: हेमराज मंगलराज पांड्या मकान नं.16.5-176 डबलीपुरा, हैदराबाद-3 श्री मांगीलाल पहाड़े श्री मांगीलाल जी पहाडे विशाल व्यक्तित्व के धनी हैं । सामाजिक कार्यों में एवं धार्मिक गतिविधियों में आपका परिवार सदैव आगे रहा है। आप हैदराबाद जैन समाज के 13 वर्ष तक अध्यक्ष रह चुके हैं। दि. जैन महासभा की आंध्रप्रदेश शाखा के अध्यक्ष हैं। महासभा की तीथं सुरक्षा • फण्ड के सदस्य हैं तथा जैन समाज में समन्वय रहे इसकी ओर प्रयत्नशील रहते हैं। श्री पहाड़े जी हैदराबाद में आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में सौधर्म इन्द्र के पद को सुशोभित कर चुके हैं। हस्तिनापुर में इन्द्रध्वज विधान श्रीमती बसन्ती बाई धर्मपत्नी ___ एवं कल्पद्रुम मंडल विधान एवं हैदराबाद में तीन लोक मंडल विधान का आयोजन करा चुके हैं श्री मांगीलाल पहाडे
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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