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श्री टीकमचन्द जैन गंगवाल
लखनऊ जैन समाज के प्रतिष्ठित घरानों में श्री टीकमचन्द जैन गंगवाल का घराना है। आपके पिता स्व. जौहरीलाल जी गंगवाल एवं दादाजी स्व. सुगनचन्द जी अत्यधिक धार्मिक जीवन जीने वाले थे। प्रतिदिन 5 घन्टे तक खड़े रहकर पूजा करना, सामायिक करना एवं फिर शाम को शास्त्र प्रवचन करना उनका स्वभाव बन गया था। आपके दादाजी ने ब्रह्मचारी जीवन
बिताया।
स्व. श्री. जौहरी बाजी जैन
उत्तर प्रदेश का जैन समाज /617
आपके पिताजी स्व. जौहरीलाल जी बाहुबली स्वामी
एवं सिद्ध भगवान की तथा आप स्वयं ने हस्तिनापुर जम्बूद्वीप
में प्रतिमा विराजमान करने का यशस्वी कार्य किया था। आप कितन ही वर्षों तक दि. जैन समाज सहादतगंज के अध्यक्ष एवं मन्दिर के व्यवस्थापक रहे। वे लखनऊ के गण्यमान्य व्यक्ति
ने ।
श्री धन्नामल जी जैन
आप समाज सेवा में आगे रहने वाले श्रेष्ठी हैं। दि. जैन महासभा के कोषाध्यक्ष रह चुके हैं तथा वर्तमान में श्री पार्श्वनाथ दि. जैन मंदिर समाज सआदतगंज लखनऊ के अध्यक्ष
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आपका जन्म आसोज बुदी 14 संवत् 1975 के शुभ मुहूर्त में हुआ तथा विवाह संवत् 1994 में श्रीमती चम्पादेवी के साथ नीमाज में हुआ। प्रारंभ से ही आपने किराना का व्यापार किया है। आप चार पुत्रों- सुमेरचन्द, बाबूलाल, श्रीकृष्ण एवं वीरेन्द्रकुमार से सुशोभित हैं।
पता- 1. चूडीवाली गली, गंगवाल भवन, सआदतगंज, लखनऊ 2260003
2- बाबूलाल श्रीकृष्ण, सुभाष मार्ग, लखनऊ- 3
रेवाडी (हरियाणा) के श्री धन्नापल जी जैन हरियाणा प्रदेश की जैन समाज के प्रमुख समाजसेवी हैं। प्रदेश स्तर एवं राष्ट्रीय स्तर की सामाजिक संस्थाओं से जुड़े हुये हैं। जब रेवाड़ी में सन् 1972 में पंचकल्याणक हुआ तो प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के आप ही अध्यश्व मनोनीत किये गये थे। दि. जैन महासमिति एवं अ. भारतीय दि. जैन परिषद की केन्द्रीय समिति के सदस्य हैं तथा दि. जैन महासमिति हरियाणा प्रदेश के कार्याध्यक्ष है। व्यापार मंडल रेवाड़ी एवं जैन एजूकेशन बोर्ड रेवाड़ी के अध्यक्ष रह चुके हैं। स्वभाव से उदार एवं आतिथ्य प्रेमी हैं।
आपका जन्म दिनांक 20-11-1922 को रेवाड़ी में हुआ। आपके पिताजी श्री चुन्नीलाल जी एवं माताजी सरस्वती देवी जी धार्मिक प्रवृत्ति के थे। आपने इन्टर (कामर्स) पास किया और व्यवसाय की ओर मुड़ गये। वर्तमान में आप डाइरेक्टर एवं मैनेजर अग्रवाल मैटल वर्क्स लि. रेवाड़ी हैं। जनवरी सन् 1941 में आपका विवाह श्रीमती शीलादेवी जैन से हुआ । जिनसे आपको तीन पुत्रों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। श्री देवेन्द्रकुमार जैन (दिJ4-11-48) श्री अभयकुमार जैन