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________________ 6121 जैन समाज का वृहद् इतिहास विशेष-श्री पांड्या जी का जीवन पूर्णतः सामाजिक एवं धार्मिक रहा है । जयपुर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में आप सौधर्म इन्द्र के पद से सुशोभित हुये | कुचामन, पांचवा,किशनगढ़ एवं श्रीमहावीर जी में आयोजित पंचकल्याणक प्रविष्ठाओं के आप संयोजक रहे । आपके द्वारा अजमेरी मंदिर कुचामन में बाहबली की प्रतिमा विराजमान की गई तथा अन्य कितने ही मंदिरों में मूर्तियाँ विराजमान करने का यशस्वी कार्य आप करते रहते हैं। सामाजिक पांड्या जी समाज की अनेक संस्थाओं के पदाधिकारी हैं। 1. पहिले आप दि. जैन महासभा के मंत्री थे तथा वर्तमान में कार्याध्यक्ष हैं। 2- दि.जैन अ. क्षेत्र बीजोलिया के अध्यक्ष,दि.जैन अ.क्षेत्र लणवा के कार्यकारी अध्यक्ष तथा आदर्श महिला विद्यालय श्री महावीर जी के मंत्री हैं। 3. सन 1981 में भगवान बाहुबलि सहस्त्राब्दी महामस्तकाभिषेक के अवसर पर एक विशाल यात्रासंघ का संचालन किया | उसके पश्चात् इतना बड़ा यात्रा संघ नहीं निकल सका। 4- आपके एवं आपकी पत्नी के शुद्ध खानपान का नियम है । यह नियम आचार्य धर्मसागर जी महाराज से लूणशं में लिये थे। 5- कट्टर मुनिभक्त, आर्ष मार्गी एवं समाज के लिये समर्पित व्यक्ति हैं। पता : प्लाट न.6, 1 सी कोर्ट रोड़ ,देहली 1.10054 श्री कपूरचन्द कासलीवाल रामपुर के श्री कपूरचन्द कासलीवाल को गणना नगर के विशिष्ट व्यक्तियों में है। आपका सार्वजनिक,सामाजिक एवं धार्मिक जीवन उल्लेखनीय है । आप रामपुर दि.जैन समाज के 14 वर्ष तक अध्यक्ष रहे । दि.जैन इन्टर कालेज के भी वर्षों तक अध्यक्ष रह चुके हैं तथा इन्टर कालेज के भी विगत 24 वर्षों से अध्यक्ष हैं । अहिच्छेत्र पार्श्वनाथ अतिशय तीर्थ क्षेत्र दि.जैन मंदिर रामनगर किला के विगत 30 वर्षों से कार्य समिति के सदस्य हैं। ES Com कपूरचन्द बैन श्रीमती शान्तीदेवी धर्मपत्नी कपूरचन्द डॉ. ज्ञानेन्द्र कुमार
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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