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________________ 566 / जैन समाज का वृहद इतिहास श्रीमती इन्दिरा देवी आपने बीसपंथी कोठी स्थित समवसरण में भगवान पार्श्वनाथ की मूर्ति एवं श्री महावीर जी स्थित कमलाबाई के कांच के मंदिर में श्री पार्श्वनाथ जी की प्रतिमा विराजमान करने का यशस्वी कार्य किया। कलकत्ता के चीनी पट्टी स्थित बड़ा दि. जैन मंदिर में वेदी का निर्माण करवाया | वर्तमान में आप दि. जैन समाज गिरडीह के अध्यक्ष हैं। दि. जैन विद्यालय के अध्यक्ष हैं। गरीबों की सेवा सुश्रुषा करने में खूब रुचि लेते हैं। मारोठ के कबूतरखाना के लिये आर्थिक सहयोग देते रहते हैं। आप 12-13 बार विदेश यात्रा कर चुके हैं। लेकिन विदेशों में जाने के पश्चात् आप पूर्णतः धर्मानुसार आहार व्यवहार करते हैं। आपके दो भाई बड़े एवं दो भाई छोटे हैं। श्री विजयकुमार जी 48 वर्षीय समाजसेवी हैं। आपकी पत्नी श्रीमती सुशीलादेवी लखनऊ के सुमेरचंद जी पाटनी की सुपुत्री हैं। विनयकुमार जी दो पुत्र संजय एवं अजय तथा एक पुत्री के पिता है। दूसरे भाई बिमलकुमार जी 45 वर्षीय युवा है। आपकी धर्मपत्नी का नाम श्रीमती जैन है जो दो पुत्र राजकुमार व ज्योतिकुमार एवं एक पुत्री राणी की जननी है। छोटा भाई श्री अशोककुमार (37 वर्ष) की पत्नी का नाम सुषमादेवी है। जो स्व. ताराचंद जी ठोलिया जयपुर की सुपुत्री हैं। सबसे छोटे भाई सुभाष जी हैं जो अभी अविवाहित हैं। आपकी दो बहिनें श्रीमती तारादेवी एवं हीरादेवी विवाहित हैं। श्री पांडा जी के सभी पत्र समाजसेवी हैं। बिहार में उनका विशिष्ट परिवार माना जाता है। समाज के प्रत्येक कार्य में उनसे सहयोग मिलता रहता है। पता - सागर निवास- सागरमल जैन मार्ग, गिरडीह (हजारीबाग) श्री सुरेशकुमार पांड्या डाल्टनगंज जैन समाज में श्री सुरेशकुमार जी पांड्या परिवार का विशिष्ट स्थान है। आपके पिताजी श्री प्रकाशचंद जी रायबहादुर हरकचंद जी पांड्या के सुपुत्र थे जिनका आकस्मिक निधन सन् 1974 में मात्र 45 वर्ष की आयु में हो गया। आपकी माताजी श्रीमती रतनीदेवी का आशीर्वाद प्राप्त है। आपका दि. 25-12-49 को जन्म हुआ। रांची विश्वविद्यालय से बी.एस.सी. किया। सन् 1972 में आपका विवाह प्रतिभादेवी के साथ हो गया। श्रीमती प्रतिभादेवी श्री भागचंद जी ठोलिया कापर गांव की पुत्री हैं। आपका जीवन पूर्णत: सामाजिक है। रांची के दि. जैन मंदिर में आप स्वयं ने वेदी का निर्माण करवाकर आदिनाथ स्वामी की मूर्ति विराजमान की थी। आपने प्रकाशचंद जैन सेवा सदन मातृ सेवा सदन का निर्माण करवाकर डाल्टनगंज समाज को संचालन के लिये दे दिया। आपकी माताजी डाल्टनगंज में महिला समाज की अध्यक्षा हैं। उनके शुद्ध खान-पान का नियम है। विगत चार पीढ़ी से आपका परिवार समाजसेवा में संलग्न है ।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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