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________________ 554/ जैन समाज का वृहद् इतिहास व्यवस्था पिछले 30 वर्षों से की थी 1 अपने कठोर परिश्रम, सूझबूझ से व्यवसाय में खूब सफलता प्राप्त की । वर्तमान में एP आरप्रतिष्ठान बिहार का ग्व्याति प्राप्न वस्त्र प्रतिष्ठान माना जाता है। श्री रतनलाल जी दि.जैन पंचायत रांची की कार्यकारिणी के सदस्य हैं । रांची थोक वरू विक्रेता संघ के अध्यक्ष है । जैन गजट के परम सहायक हैं। आपके सूरत, बम्बई, भीलवाड़ा एवं तमिलनाडू में भी व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं । सन् 1984 में आप मनीला, हांगकांग,बैंकाक,आदि की विदेश यात्रा कर चुके हैं। माता पिता दोनों के शुद्ध खान-पान का नियम है । परम मुनिभक्त हैं तथा धर्मिक स्वभाव के हैं। एक बार दोनों ने ही दशलक्षण व्रत के उपवास किये थे। श्री पाटनी जी के तीन छोटे भाई एवं पांच बहिनें है । श्री भागचन्द जी 43 वर्षीय युवा समाजसेवी हैं । दि.जैन पंचायत रांची के मंत्री हैं। पत्नी का नाम विद्यादेवी है । एक पुत्री एवं दो पुत्रों से अलंकृत है । दूसरे माई श्री संतोषकुमार 41 वर्षीय हैं। धर्मपत्नी का नाम किरनदेवी है। 2 पुत्रियों एवं एक पुत्र की जननी है । तीसरे भाई श्री निर्मलकुमार 31 वर्षीय युवा हैं । पत्नी का नाम चन्द्रकला है जो श्रीचन्द जी छाबड़ा राणोली वालों की सुपुत्री है । बहिनों के नाम श्रीमती चन्द्रादेवी, मंजू, अजमेरा, सुमित्रा, पुष्पादेवी बड़जात्या एवं किरणदेवी हैं। स्व. श्री मांगीलाल जी श्रीमती विमला देवी धप श्री रतनलाल पाटनी स्य, बादामीदेवी थप श्री मांगीलाल जी श्री संतोषकुमार श्रीभागचन्द श्रीमती किरनदेवी पप संतोषकुमार
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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