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बिहार प्रदेश का जैन समाज /537
चौधरी जी की सामाजिक एवं धार्मिक सेवायें उल्लेखनीय हैं । आप सम्मेद शिखर में आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठाओं में इन्द्र के पद से सुशोभित होते रहते हैं । आपने मध्य लोक शोध संस्थान में आर्थिक सहयोग दिया है। आपकी पत्नी के शुद्ध खान-पान का नियम है । मुनिभक्त है । आहार आदि से मुनिभक्ति करते रहते हैं । पहिले आप बिहार प्रान्तीय खण्डेलवाल जैन महासभा के शाखा मंत्री रहे थे। . आप जयपुर के पंडित चैनसुखदास जी न्यायतीर्थ के शिष्य
श्रीमती मोहिनी देवी
श्री विजयकुमार
श्री बनारसीलाल सेठी, गिरडीह
__स्व. दलसुखराय सेठी परिवार में जन्मे श्री बनारसीलाल सेठी अत्यधिक उत्साही समाजसेवी हैं। आपके माता-पिता दोनों का ही बहुत पहिले स्वर्गवास हो चुका है । आपने
my मैट्रिक परीक्षा पास की और जरदा पत्ती का व्यवसाय करने
लगे । दिसम्बर सन् 1939 में आपका विवाह श्रीमती कपूरीदेवी के साथ हो गया जिनसे आपको दो पुत्र श्री सुरेन्द्रकुमार एवं अंशोककुमार की प्राप्ति हुई। दोनों पुत्रों का विवाह हो चुका है । श्री सुरेन्दकुमार सिविल इन्जीनीयर हैं । अमेरिका में रहते हैं।
आपके पूर्वजों ने बीस पंथी कोठी सम्मेदशिखर जी में कोठी के बाहर बाहुबली स्वामी
" की प्रतिमा विराजमान की थी। गिरडीह चैम्बर ऑफ कॉमर्स के वर्तमान में अध्यक्ष हैं । जैन श्रीमती कपूरी देवी विद्यालय के पूर्व में सैक्रेटी एवं वर्तमान में कार्यकारिणी समिति के सदस्य हैं। गोइन्का सेवा
सदन के 1982-86 तक सेक्रेट्री रह चुके हैं ।
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श्री बंशीधर साह
स्व.श्री दयालचंद जी के तीसरे पुत्र श्री बंशीधर जी साह भी गिरडीह के प्रमुख सामाजिक व्यक्ति हैं । आप 60 वर्ष पार कर चुके हैं। अभ्रक का व्यवसाय करते हैं । सन् 1951 में आपका विवाह पचार (राजई के बंशीधर जी सेठी की पुत्री सुलोचना देवी के साथ हुआ। जिनसे आपको चार पुत्र एवं दो पुत्रियों के पिता कहलाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । सन् 1983 में सम्मेदशिखर जी में आयोजित इन्द्र ध्वज विधान में सौधर्म इन्द्र के पद से सुशोभित हुये । आपके द्वारा शिखर जी की बीस पंथी कोठी के आगे