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________________ 534/ जैन समाज का वृहद इतिहास शुद्ध खान-पान का नियम पालन करती हैं । आपके पिताजी बिहार दि जैन धार्मिक न्यास परिषद के अध्यक्ष थे । वर्तमान में श्री प्रताप छाबड़ा उसके सदस्य हैं । इसी तरह आपके पिताजी दि.जैन समाज के अध्यक्ष रहे,वर्तमान में आप उसके ट्रस्टी हैं । आपके पिताजी म्यूनिसिपल बोर्ड के उपाध्यक्ष थे । हजारीबाग की सभी सामाजिक संस्थाओं से वे जुड़े हुये थे । उन्होंने पावापुरी,वैशाली, कोल्हवा पहाड़,तेरापंथी कोठी शिखर जी में कमरों का निर्माण करवाया । वे कांग्रेस के भी अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष रहे थे। आपके पिताजी के श्री मांगीलाल जी बड़े भाई थे जिनका सन् 1958 में ही स्वर्गवास हो गया। छोटे भाई महावीरप्रसाद पता - जैन पैट्रोल सप्लाई कम्पनी,क्लब रोड,हजारीबाग। श्री प्रकाशचंद जैन सेठी गिरडीह नगरपालिका के पांच वर्ष तक आयुक्त रहने वाले श्री प्रकाशचंद जैन सेठी गिरडीह के प्रमुख समाजसेवी हैं । आपके पूर्वज श्री हजारीमल किशोरीलाल भी सामाजिक क्षेत्र में ख्याति प्राप्त व्यक्ति थे। आपका जन्म 12 जनवरी सन् 1944 को हुआ । सन् 1965 में एम.ए. एवं 66 में एल.एल.बी.किया। इसके पश्चात् आप सामान्य विक्रेता बन गये। सन् 1967 में आपका विवाह - श्रीमती इन्द्रादेवी के साथ हुआ जिनसे आपको एक पुत्र एवं तीन पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। पुत्र का नाम आलोक सेठी एवं पुत्रियां रश्मि, ज्योति एवं सीमा है । सभी पढ़ रहे हैं। आपकी पाताजी के दो प्रतिमायें है तथा पिछले 25 वर्षों से वह महिला समाज की मंत्री हैं तथा सभी धार्मिक एवं सामाजिक आयोजनों में प्रमुख पार्ट अदा करती हैं । आपके छोटे भाई का नाप विजय कुमार है । 40 वर्षीय युवक है । पत्नी का नाम हेमलता है । दो पुत्र एवं एक पुत्री के पिता हैं। पता : श्री महावीर खाद्य भंडार स्टेशन रोड,गिरडीह (बिहार) श्री पूनमचंद गंगवाल पचार (राजस्थान) में जन्में श्री पूनमचंद जी गंगवाल की वर्तमान में राष्ट्रीय स्तर के सामाजिक नेताओं में गणना की जाती है। गंगवाल साहब अ.भा.दि.जैन महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष है तथा इतनी अधिक संस्थाओं से जुड़े हुये है कि उनकी गणना करना कठिन लगता है । श्री महावीर ग्रंथ अकादमी के संरक्षक है। आप जैन समाज के भामाशाह हैं जिन्होंने अब तक समाज की विभिन्न संस्थाओं,धार्मिक संस्थाओं,आचार्यों एवं मुनिराजों की सेवा सुश्रुषा एवं अन्य सेवाभावी कार्यों में लाखों रुपयों का दान देकर एक कीर्तिमान स्थापित किया है।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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