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________________ बिहार प्रदेश का जैन समाज /533 गोल्ड मेडलिस्ट हैं । यू.एस.ए.की केलीफोर्निया विश्वविद्यालय से उच्च अध्ययन कर विगत 20 वर्ष से अमेरिका के टैक्सास करोलटन नगर में रहते हैं। आपकी पत्नी का नाम लता सनी है । एम.ए है। अमरोहा के कस्तूरचंद जी बाकलीवाल की पुत्री हैं। तीन पुत्रियों - सारिका, स्मिता एवं मोनिका की मम्मी है । पहिले लता जी भी वर्ल्ड बैंक में कार्य करती थी। अजमेरा जी के दो बहिनें हैं-शकुन्तला एवं कमलादेवी । दोनों का विवाह हो चुका है। पता : -श्री वीर वस्त्रालय,गोतम बुद्ध रोड, गया 2- साकेत, के.पी रोड़,गया 3. गया मारवाड़ी स्टोर्स, भगवान महावीर पथ, गया श्री बीरेन्द्र कुमार श्री प्रभुदयाल छाबड़ा सीकर (राब) से आये हुये श्री प्रभुदयाल जी छाबड़ा का जन्म सन् 1932 में हुआ था। आपके पिता श्री मोतीलाल जी का स्वर्गवास हुये करीब.45 वर्ष हो गये। माताजी श्रीमती पतासी देवी का निधन अभी 7-8 वर्ष पूर्व ही हुआ है। आपने सीकर से ही इन्टर (आर्टस) की परीक्षा पास की और फिर इधर अभ्रक व्यवसाय में लग गये। सन् 1952 में बसन्त पंचमी को आपका विवाह श्रीमती पन्नादेवी के साथ संपन्न हुआ। जिनसे आपको एक पुत्र सुरेश एवं चार पुत्रियों कुसुम,रेखा,उषा एवं पुष्पा की प्राप्ति हुई । सभी का विवाह हो चुका है । सुरेश कुमार देहली में व्यवसायरत हैं। आपकी धर्मपत्नी दशलक्षण व्रतों में दस उपवास कर चुकी हैं । घर का पूरा वातावरण शांत एवं मधुर रहता है। आएका आतिथ्य प्रेम प्रशंसनीय है। पता : जैन मोहल्ला,झुमरीतिलैया (हजारीबाग) बिहार श्री प्रताप छाबड़ा 140 वर्ष पूर्व राणोली राज से आने वाले श्री प्रताप छाबड़ा के दादाजी श्री महासुख जी छाबड़ा यहां आकर बस गये । आपके (श्री प्रतापजी) के पिताजी श्री कन्हैयालाल जी सन् 1975 में 66 वर्ष की आयु में स्वर्गवासी-बन गये । किन्तु आपकी माताजी श्रीमती हरजी बाई की अभी छत्रछाया प्राप्त है। आपका जन्म 23 अगस्त सन् 1952 को हुआ । सन् 1972 में हजारीबाग कालेज में बी.ए(आनर्स) किया । सन् 1974 में आपका विवाह श्रीमती मधु जैन से हो गया जो हाटपीपल्या के श्री मनोहरलाल जी टोंग्या की सुपुत्री हैं । आपके एक पुत्र एवं तीन पुत्रियां हैं । पुत्र नवल एवं पुत्रियां,प्रगति,पल्लवी एवं पूजा हैं। सभी पढ़ रहे हैं। श्री छाबड़ा जी ने हजारीबाग के बड़े मंदिर में वेदी बनवाकर उसमें भगवान महावीर की प्रतिमा विराजमान की थी। आपने अधिकांश तीर्थों की वंदना कर ली है। आपका परिवार आचार्यशानसागरजी महाराज के परिवार से है। आपकी माताजी
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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