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________________ बिहार प्रदेश का जैन समाज /531 पुनियों के पिता है। दूसरे भाई मनसुखलाल आपके दो छोटे भाई श्री स्वरूपचंद 5 वर्ष के हैं । पुत्र जी 73 वर्ष के है। उनकी पत्नी का नाम कंचनदेवी हैं। आप दो पुत्र एवं पांच पुत्रियों के पिता हैं । आपके पिताजी श्री कस्तूरचंद जी करीब 1100 वर्ष पहिले दांतारामगढ़ से यहाँ पधारे थे । पता : आनन्द मोटर सर्विस, बाडम बाजार, हजारीबाग (बिहार) श्री नरेशकुमार जैन पहाड़िया पटना का पहाड़िया परिवार राजस्थान के खूड बानूडा पाम से करीब 100 वर्ष पूर्व यहां आकर रहने लगे। सर्वप्रथम श्री सूरजमल जी बाकलीवाल आये जिन्होंने अंतिम में मुनि धर्म स्वीकार किया तथा समाधिमरण किया। उनके पुत्र स्व. बसन्तीलाल जी हुये और वसन्तीलाल जी के 29 सितम्बर 1942 को श्री नरेशकुमार जी पहाड़िया हुये । बसन्तीलाल जी का सन् 1977 में 76 वर्ष की आयु में स्वर्गवास हो गया। लेकिन उनकी पत्नी श्रीमती पश्ना कुंवर का अभी आशीर्वाद प्राप्त है। श्री नरेशकुमार जी ने सन् 1965 में बी.कॉम. एवं सन् 1968 में एल. एल. बी. किया। लेकिन वस्त्र, बर्तन एवं होटल व्यवसाय करने लगे । दि. 7 मार्च 62 को आपका विवाह अडंगाबाद की श्रीमती मीरादेवी के साथ हुआ। जिनसे आपको एक पुत्र संजयकुमार एवं चार पुत्रियां सुनीता, पूनम, कुमोद एवं भारती की प्राप्ति हुई। सुनीता का विवाह हो चुका है। फतेहपुर शेखावाटी में आपने मंदिर में पंचकल्याणक कराया तथा गुलजार क्षेत्र का जीर्णोद्धार करवाया एवं वहां वेदी प्रतिष्ठा करवाई। आप तीर्थ यात्रा प्रेमी हैं तथा तीर्थ संघों का संचालन करते रहते हैं। श्री सूरजमल जी ने ईसरी में पार्श्वनाथ उदासीनाश्रम की स्थापना की और अपना समाधिमरण प्राप्त किया। आपने कोडरमा में पार्श्वनाथ हायर सैकण्डरी विद्यालय की स्थापना की। आपने बांकापुर में अपने ही मकान में चैत्यालय स्थापित किया। श्री नरेशकुमार जी भी बहुत ही गतिशील समाजसेवी हैं। आप जैन संस्था पटना के पहिले संयोजक और वर्तमान में प्रचार मंत्री हैं । इसी तरह दि. जैन पंचायत के संयुक्त मंत्री एवं कोषाध्यक्ष रह चुके हैं। आप बिहार राज्य धार्मिक न्यास के सदस्य हैं । दि. जैन महासमिति के भी पदाधिकारी रह चुके हैं। आपने विश्व जैन कांफ्रेस में बिहार का प्रतिनिधित्व किया है। आपके चार भाई और हैं अशोककुमार, विमलकुमार, निर्मलकुमार एवं संतोषकुमार । पता :- सूरजमल बाकलीवाल, लक्ष्मी भवन, बांकीपुर, पटना श्री नेमीचंद बड़जात्या मारोठ (राजस्थान) से आये श्री नेमीचंद का जन्म भादवा सुदी 11 संवत् 1987 को मारोठ में हुआ। आपके पिताजी श्री कुंदनमल जी का स्वर्गवास सन् 1963 में तथा माताजी श्रीमती भंवरीदेवी का स्वर्गवास संवत् 1961 में हुआ था। श्री नेमीचंद जी ने सामान्य शिक्षा प्राप्त की। आपका विवाह संवत् 2006 में वैशाख सुदी 7 सुलोचनादेवी के साथ संपन्न हुआ। जिनसे आपको दो पुत्र नीरज एवं विक्रम तथा तीन पुत्रियां संगीता बबीता एवं सरोज की प्राप्ति हुई। सरोज का विवाह हो गया शेष सब पढ़ रहे हैं।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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