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________________ बिहार प्रदेश का जैन समाज/519 श्री किशनलाल विनायक्या श्री विनायक्या जी के पिताजी स्व.श्री सुवालाल जी विनायक्या सीकर से बुगडा बंगलादेश और वहां से करीब 85 वर्ष पूर्व हजारीबाग आकर बस गये। उनका स्वर्गवास हुये 50 वर्ष हो गये । आपके शुद्ध खान-पान का नियम था 1 श्री किशनलाल जी ने स्वयं 73 बसन्त देख लिये हैं । सन् 1937 में आपने हजारीबाग से मैट्रिक किया और फिर हार्डवेयर, बिल्डिंग मेटीरियल्स, फायर ब्रिक्स का व्यवसाय एवं फैक्टरी चालू कर ली। 16 वर्ष की आयु में आपका विवाह श्रीमती बुद्धी देवी से हो गया। आपको 7 पुत्र एवं चार पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है। आप दशलक्षण व्रत के उपवास कर चुकी आप हजारीबाग जैन समाज के तीन वर्ष तक अध्यक्ष रहे। गौशाला हजारीबाग के मंत्री एवं अध्यक्ष रह चुके हैं । बिहार प्रादेशिक दि.जैन धार्मिक न्यास सुरक्षा समिति के वर्तमान में मंत्री हैं । बंगाल, बिहार, उडीसा तीर्थक्षेत्र कमेटी की कार्यकारिणी सदस्य, बिहार राज्य दि.जैन न्यास बोर्ड के सदस्य,दि. जैन हाईस्कूल की कार्यकारिणी सदस्य,मुनिभक्त एवं शुद्धखानपान का नियम पालन करने वाले हैं। आपके ज्येष्ठ पुत्र नेमिचन्द्र 45 वर्षीय बी.एस.सी. है। धर्मपत्नी का नाम सुशीला देवी है। तीन पुत्र एवं एक पुत्री की जननी है । दसजा द्रत एक अन्य कई गाम कर चुकी है। द्वितीय पुत्र धरपचन्द 45 वर्ष ,धर्मपत्नी उषादेवी है । 3 पुत्र एवं 2 पुत्री है । निर्मल कुमार 43 वर्ष तृतीय पुत्र हैं जापान हांगहांग की यात्रा कर चुके हैं। चतुर्थ पुत्र सुरेशचन्द 40 वर्षीय युवा है। आशा देवी धर्मपली है । दो पुत्र एवं एक पुत्री की माँ है। पांचवे पुत्र प्रदीपकुमार 38 वर्षीय युवा हैं। धर्मपत्नी सुलोचना देवी है । एक पुत्र एवं एक पुत्री की माँ है। छठे पुत्र श्री विनोदकुमार 28 वर्षीय हैं बी.कॉम हैं। पत्नी का नाम कुसुम है । जो एक पुत्री की माँ है । सबसे छोटे पुत्र राजेन्द्रकुमार सी.ए. कर रहे हैं। अभी अविवाहित है। आपकी चारों पुत्रियां शकुन्तला, गुणमाला, नीलम एवं अनिता समी का विवाह हो चुका है। पता: नेमिचन्द जैन एण्ड ब्रदर्स, भगवान महावीर मार्ग,हजारीबाग श्री किशनलाल साह श्री किशनलाल जी साह स्व.श्री दयालचंद जी साह के द्वितीय पुत्र हैं । आपका जन्म आषाढ बुदी 4 संवत् 1988 में हुआ । मिडिल तक शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् गैस एवं माइन्स का कार्य करने लगे। जनवरी 1955 में आपका विवाह श्रीमती विमलादेवी के साथ हो गया । जिनसे आपको चार पुत्र एवं एक पुत्री की प्राप्ति हुई । आपके ज्येष्ठ पुत्र श्री रमेशचंद 4 वर्षीय युवा हैं । उनकी पत्नी का नाम सरिता है । वह दो पुत्रों की मां है । दूसरे पुत्र श्री महेशचंद जैन हैं । बी.ए. हैं । पत्नी का नाम मजू है । दो पुत्रों की मां बन चुकी है। तीसरे पुत्र श्री अनिलकुमार बी.ए. हैं । पत्नी का नाम अलका है ! चतुर्थ पुत्र सुनील बी.ए.बी.एम. साह साहब गिरडीह में तीनलोक विधान एवं सम्मेदशिखर जी में इन्द्र ध्वज विधान करा चुके हैं । सन् 1971 एवं 1981 में तीर्थों की यात्रा कर चुके हैं। शुद्ध खानपान का नियम लिया हुआ है । सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने में रुचि रखते हैं। पता. जैन गैस कम्पनी,गिरडीह (बिहार)
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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