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________________ 492/ जैन समाज का वृहद् इतिहास हो चुका है। आपकी पत्नी का नाम चमेली बाई है। आपके तीन पुत्र- कमलकुमार एम.ए,विमलकुमार एम.ए.एवं सुनीलकुमार वाणिज्य स्नातक दो पुत्रियां ताराबाई एवं मोनिका बाई हैं । सौगानीजी अच्छे कार्यकर्ता है । ये स्थानीय श्री जैन औषधालय,जैन रात्रि पाठशाला एवं दि.जैन उदासीनाश्रम के मंत्री रह चुके हैं। भावान महावीर के परिनिर्वाण के 2500 वें समारोह में संयुक्त मंत्री का कार्य सफलता पूर्वक संपादन किया । इस कारण साहू श्री शांति प्रसाद जी द्वारा जयपुर में आपको स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। सन् 1959 में 800 यात्रियों को स्पेशल ट्रेन द्वारा शिखर जी एवं उत्तर भारत के तीर्थ स्थल की यात्रा करवाई। 1962 में 150 यात्रियों को भी गिरनार जी एवं अन्य तीर्थों करवाई एवं सन 1967 में दक्षिण भारत के बाहबली के कलशाभिषेक महोत्सव पर 200 यात्रियों को लेकर रेल द्वारा संघ निकाला। 1981 में भगवान बाहुबली के सहस्त्राब्दि समारोह में 800 यात्रियों को लेकर अजमेर से स्पेशल ट्रेन द्वारा संघ चलाया । ये सभी संघ यात्रायें बिना किसी लाभ के केवलहेका पद से आयोजित की गई। मनमें जैन धुलोक भावास समस्या हेतु एक गृह निर्माण सहकारी समिति का गठन कर श्री ऋषभ कालोनी बनवाने का प्रयास मंडी की हैसियत से कर रहे हैं : योजना शीघ्र ही पूरी होगी। इसके अतिरिक्त गत 40 वर्षों में भारत के सभी क्षेत्रों को वंदना बींसों बार कर चुके हैं। पता:- जैन मंदिर के पास, डिग्गी बाजार,अजमेर श्री मोहनलाल कटारिया केकड़ी का कटारिया परिवार प्रसिद्ध परिवार है जो केकड़ी के अतिरिक्त जयपुर,देहली, कानपुर, निवाई आदि स्थानों में फैला हुआ है। उसी परिवार में संवत् 1984 में जन्मे श्री मोहनलाल जी कटारिया समाज के प्रतिष्ठित सज्जन हैं। आपके पिता श्री कस्तूरमल जी 1943-2017 संवत् एवं माताजी भूराबाई का देहान्त हो गया है। आपने संस्कृत कालेज वाराणसी की प्रथमा,महासभा परीक्षालय की विशारद पास की और फिर अपने व्यवसाय में लग गये । आपका विवाह चेत्र बुदी । संवत् 20-40 में शांति बाई के साथ संपन्न हुआ जिनसे आपको एक पुत्र एवं दस पुत्रियों के पिता बनने का सौभाय प्राप्त हुआ । आपकी सभी पुत्रियाँ सुशिक्षित हैं तथा बी.ए. पास हैं। कटारिया जी समाजिक कार्यों में पूरा भाग लेते हैं । दि.जैन समाज केकड़ी के अध्यक्ष हैं । दि. जैन अ. क्षेत्र बघेरा के भी अध्यक्ष हैं। उसके पंचकल्याणक के अवसर पर महोत्सव कमेटी के उपाध्यक्ष थे तथा व्यवस्था में पूर्ण सहयोग दिया था। नगरपालिका केकड़ी के पांच वर्ष तक सदस्य रह चुके हैं। आध्यात्मिक चर्चाओं एवं प्रवचन में गहरी रुचि लेते हैं। पता : मोहनलाल कटारिया एंड कम्पनी ,केकड़ी श्री पं. रतनलाल कटारिया जैन साहित्य के समालोचक, लेखक, सम्पादक एवं अन्वेषक पं.रतनलाल जी कटारिया केकड़ी के प्रसिद्ध विद्वान हैं। आपके पिताजी श्री मिलापचंद जी कटारिया की अपने युग के वेदी प्रतिष्ठा एवं पंचकल्याणक प्रतिष्ठा कराने वाले पंडितों में गिनती थी । उन्होंने करीब 20 वेदी प्रतिष्ठा एवं 3-4 पंचकल्याणक प्रतिष्ठार्ये कराई होंगी । उनकी जैन विवाह विधि से विवाह
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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