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458/ जैन समाज का वृहद् इतिहास
सेठी जी समाज के क्रियाशील सदस्य हैं । पारोली,खजूरी,फुलेरा,धुबाला पंचकल्याणकों में आपने स्टोरकीपर का कार्य बड़ो कुशलता के साथ किया । आपने सिद्ध भगवान की धातु की प्रतिमा को केकड़ी पंचकल्याणक प्रतिष्ठा में प्रतिष्ठित करवाकर मंदिर में विराजमान किया।
आपका ज्येष्ठ पुत्र अभयकुमार बी काम. है । पत्नी का नाम निर्मला देवी है । दो पुत्र एवं दो पुत्रियां के पिता है । किराणा के व्यापारी हैं । दूसरा पुत्र श्री राजकुमार है । सी.ए. है । आपकी धर्मपत्नी अरुणा भी बी.ए. है ।
___ पूरा परिवार ही मुनिभक्त है। आचार्य शांतिसागर जी से लेकर आज तक जितने भी साधु संत आये हैं उन सभी की आपने सेवा की है । सेठी जी सेवा की प्रतिमूर्ति हैं। पता : मूलचंद लक्ष्मीचंद सेठी
पोस्ट दानिया कोटडी,(भीलवाड़ा)
दाना
श्री चांदमल गदिया
___ गदिया गोत्रीय श्री चांदमल जी गदिया निम्बाहेड़ा के यशस्वी सामाजिक कार्यकर्ता हैं। आपका जन्म 26 अप्रेल.1933 को हुआ। आपके पिताजी का स्वर्गवास संवत 2001 में 60 वर्ष की आयु में हो गया । माताजी का देहान्त संवत् 21124 में हुआ था। संवत् 2016 में आपका विवाह श्रीमती चंपकदेवो के साथ हुआ जिनसे आपको तीन पुत्र एवं चार पुत्रियों की प्राप्ति हुई ज्येष्ठ पुत्र श्री महेन्द्रकुमार ने बी.ए. किया है । दूसरा पुत्र श्री बाबूलाल एम.ए. है ।दोनों का विवाह हो चुका है । सुनीलकुमार पड़ रहा है । चारों पुत्रियों में ताराबाई एवं ललिताबाई का विवाह हो चुका है । पुष्मा एवं शान्ता अभी अविवाहित हैं।
श्री चांदमल जी श्री आदिनाथ दि. जैन मंदिर निम्बाहेडा के उपाध्यक्ष हैं। दोनों के ही शुद्ध खान-पान का नियम है, निभक्त हैं । आहार देने में पूरी रुचि रखते हैं। पिताजी की स्मृति में आपने 5() चांदी के छत्र सभी मंदिरों को भेंट किये थे ।
पता : रूपचंद भुवानीराम एन्ड क..गेतीचाजार निम्बाहेड़ा। ज्ञानमल पाटोदी
भीलवाड़ा के श्री ज्ञानमल का जन्न संवत् 1987 में हुआ। आपके पिताजी श्री छगनलाल का स्वर्गवास तो करीब 30 वर्ष पूर्व ही हो गया जबकि माताजी का निधन हुये 5-6, वर्ष हो गये । सामान्य शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् आपका विवाह श्रीमती जयवन्ती देवी के साथ हो गया। जिनसे आपको तीन पुत्र एवं एक पुत्री के पिता बनने का सौभाग्य मिला । श्रीमती जयवन्ती देवी शिखरचंद जी अजमेरा की सुपुत्री हैं । आपकी माता अंजनादेवी जी का संगीत शास्त्र में शीर्षस्थ स्थान है।