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________________ राजस्थान प्रदेश का जैन समाज / 455 श्री कालूलाल अजमेरा श्री अजमेरा जी चित्तौडगढ़ जैन समाज के प्रतिष्ठित कार्यकर्ता हैं। आप पार्श्वनाथ दि. जैन ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष है। आपका जन्म पौष शुक्ला अष्टमी संवत् 1986 को हुआ। आपके पिता श्री ओंकारलाल जी एवं माता जी श्रीमती इन्दरबाई दोनों का ही स्वर्गवास हो चुका है। आपने सन् 1947 में मैट्रिक किया और अपने स्वतंत्र व्यवसाय में लग गये । संवत् 2008 (सन् 1951 ) में आपका विवाह श्रीमती सोहनदेवी से हो गया जिनसे आपको तीन पुत्र रमेश, राकेश एवं मनोज तथा एक पुत्री अनिता के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आपके ज्येष्ठ पुत्र रमेश ने बी.ए. कर लिया है। विवाह हो चुका है एवं आपके साथ M ही. व्यवसायरत है। श्री अजमेरा जी धार्मिक स्वभाव के हैं। आपने आदिनाथ दि. जैन चैत्यालय में आदिनाथ की प्रतिमा विराजमान की है। दो बार सभी तीर्थों की वंदना कर चुके हैं। पता : रमेश क्लाथ स्टोर्स, चित्तौडगढ़ (राज) श्री कुन्तीलाल अजमेरा भीलवाड़ा के युवा समाजसेवी श्री कुन्तीलाल अजमेरा करीब 30 वर्ष पूर्व हम्मीरगढ़ से आकर यहां बस गये । आपका जन्म 12 अप्रैल 1934 को हुआ। सन् 1951 में हाईस्कूल परीक्षा पास करने के साथ आपका श्रीमती हुकमबाई से विवाह हो गया और फिर अनाज एवं मेडिकल का व्यापार करने लगे । आपको दो पुत्र एवं एक पुत्री के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हो चुका है। महावीर कुमार एम काम., एल. एल. बी. एवं शिखरचन्द बी.ए. हैं। दोनों ही आपको सहयोग दे रहे है। तु रोज का ब्यावर विवाह हो चुका है। | अजमेरा जी का गांव में भी पूरा प्रभाव व्याप्त है। आप ग्राम पंचायत के उपसरपंच रह चुके हैं। सन् 1947 में कांग्रेस (आई) के सक्रिय कार्यकर्ता थे । इन्दिरा जी के आव्हान पर जेल यात्रा की थी। दि. जैन अतिशष क्षेत्र बिजोलिया एवं चंबलेश्वर कार्यकारिणी के सदस्य हैं। दि. जैन स्वाध्याय भवन भीलवाड़ा के 1019 तक संयुक्त मंत्री भी रहे। आपके बड़े भाई श्री रतनलाल जी का जन्म कार्तिक सुदी 6 संवत् 1987 को हुआ । संवत् 2003 में श्रीमती चांदबाई के साथ विवाह हुआ। आप 3 पुत्र सर्व श्री पदमचन्द, अशोक कुमार, अनिल कुमार से अलंकृत हैं। श्री पदमचन्द जी डाक्टर हैं। एम.एस. हैं जयपुर मेडिकल कॉलेज में व्याख्याता हैं। डाक्टर साहब की पत्नी का नाम हीरामणि है। रतनलाल जी के दो पुत्रियां हैं । आप सबका व्यवसाय एक ही है। भीलवाड़ा व्यापार मण्डल के प्रमुख सदस्य एवं भोपालगंज दिगम्बर जैन मंदिर के ट्रस्टी हैं ! श्री शान्तिलाल जी सबसे छोटे भाई हैं। आपने सन् 1955 में बी.कॉम. किया। श्रीमती चांदबाई आपकी धर्मपत्नी हैं। जिन से आपको दो पुत्र एवं एक पुत्री की प्राप्ति हुई । आपका एक पुत्र राजेन्द्र एम.कॉम. है तथा छोटा पुत्र सुनील सी. ए. है। पुत्री साधना का जयपुर में विवाह हुआ है। पता : 700, कॉटन फैक्ट्री एरिया, भीलवाड़ा।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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