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________________ क्र.सं. नगर/गांव का नाम 37 38 39 40 45 बसी कंझड 46 47 48 सगतडा इन्दाली 5 41- इटालीखेड़ा 5 42- सेमारी 43 राठोड़ा 44 जासूडा कृष्ण 100 करनोड 10 लूणदा 10 डूंगरपुर दस्सा नरसिंहपुरा 50 15 बीसा I दस्सा बीसा 30 15 नागदा 10 L हूँ बड़ दस्सा वीसा राजस्थान प्रदेश का जैन समाज /451 चित्तौड़ दस्सा बीसा अन्य 50 नागदा चित्तौड़ा 20 500 परिवार प्रतापगढ़ में दस्सा एवं बीसा हूंबड़ समाज सबसे अधिक है। कोट्याधीश पनमचन्द घासीलाल के सुपुत्र मोतीलाल जी इसी प्रतापगढ़ के निवासी थे जिन्होंने अपार वैभव को त्याग • आर्य वीरसागर जी महाराज से मुरिदीक्षा ग्रहण की थी। इसी तरह डूंगरपुर एवं बांसवाड़ा जिलों में इन सम. की अच्छी बस्तियां हैं। प्रतापगढ़ में आचार्य धर्मसागर जी महाराज का चातुर्मास था तब लेखक को भी वहां जाने का अवसर मिला। वहां के समाज की साधु भक्ति देखकर बड़ी प्रसन्नता हुई। प्रतापगढ में सेठ पूनमचन्द घासीलाल द्वारा सन् 1933 में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा सम्पन्न कराई गई । उदयपुर प्रथम नगर है जहां के विश्वविद्यालय में प्राकृत एवं जैन विद्या का पूरा विभाग है । डा. प्रेमसुमन जैन उसके अध्यक्ष एवं डा. उदयचन्द जैन प्राध्यापक है। समाज के प्रमुख व्यक्तियों में श्री मोतीलाल जी मौंडा प्रमुख समाजसेवी हो गये हैं उनके पुत्र श्री महावीर कुमार जी मींडा उसी परम्परा को चला रहे हैं । 1 डूंगरपुर में मीराचन्द जी गांधी भी बहुत अच्छे समाज सेवी हो गये हैं ।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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