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राजस्थान प्रदेश का जैन समाज / 437
श्री रतनलाल पहाड़िया
श्री पन्नालाल जी पहाड़िया के द्वितीय पुत्र श्री रतनलाल पहाड़िया का जन्म संवत् 1984 में हुआ था। मैट्रिक पास करके आप वस्त्र व्यवसाय में चले गये। वर्तमान में आपके बंबई, सूरत एवं कलकता दोनों ही नगरों में पहाड़िया एण्ड कम्पनी के नाम से वस्त्र व्यवसाय का कार्य होता है। 18 वर्ष की आयु में आपका विवाह श्रीमती कमला देवी के साथ हो गया। जिनसे आपको आठ पुत्रों एवं दो पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है। पुत्रों में सर्व श्री राजकुमार, विजयकुमार, जयकुमार, सुरेशकुमार एवं विमलकुमार का विवाह हो चुका है। शेष तीन पुत्र प्रदीप, अशोक एवं जितेन्द्र पढ़ रहे हैं। भंवरबाई एवं मंजूबाई ये दो पुत्रियाँ हैं ।
श्री पहाड़िया जी धार्मिक प्रकृति एवं शांत स्वभावी हैं। आपने अजमेरी मंदिर में सर्वधातु को चौबीसी मूर्ति विराजमान करने का प्रशंसनीय कार्य किया है। आपके छोटे भाई सोहनलाल जी के तीन पुत्र एवं एक पुत्री हैं।
पता:- रतनलाल राजकुमार पहाड़िया, डीडवाना, कुचामन सिटी ।
श्री रतनलाल बड़जात्या
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सीकर निवासी श्री रतनलाल बड़जात्या समाजसेवा का पर्याय बने हैं आपका जन्म भादवा सुदी 8 संवत् 1974 में हुआ आपके पिताजी श्री भंवरलाल जी बड़जात्या का स्वर्गवास सन् 1975 में तथा माता ताली देवी का सन् 1940 के केवल 35 वर्ष की आयु में हो गया था। प्राइमरी शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात् संवत् 1996 में आपका विवाह श्रीमती नारी देवी सुपुत्री भंवरलाल जी कासलीवाल दांता के साथ संपन्न हुआ। आपको तीन पुत्रों शान्तिलाल, महेन्द्रकुमार, इन्द्रकुमार तथा पांच पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है। इनमें से प्रथम एवं तृतीय पुत्र सूरत में तथा महेन्द्र कुमार सीकर में ही व्यवसायरत हैं। पांचों ही पुत्रियों इन्द्रा हीरामणी, सन्तोष, सुलोचना एवं मधू का विवाह हो चुका है।
सन् 1947 में सीकर में आयोजित पंचकल्याणक में आपके दादाजी गजानन्द जी बड़जात्या प्रमुख कार्यकर्ता थे। आपने दीवान जी की नशियां सीकर में मुनि श्री विवेकसागर महाराज की छतरी का निर्माण करवाया। सन् 1981 में जब मंगल कलश सीकर आया तब आपने समारोह में इन्द्र इन्द्राणी का पद ग्रहण किया था। वर्तमान में खण्डेला जैन मन्दिर विकास समिति के कार्याध्यक्ष हैं।
आप सीकर नगर परिषद् के सदस्य रह चुके हैं। उपभोक्ता भण्डार सोकर के डाइरेक्टर, सोकर जिला कांग्रेस के लगातार 25 वर्ष तक कोषाध्यक्ष तथा कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। राष्ट्रीय खुदरा व्यापार संघ के जिला संयोजक तथा हिन्दी विद्या भवन के उपाध्यक्ष रहे हैं। सीकर की और भी संस्थाओं से जुड़े हुए हैं।
आपके दादाजी श्री गजानन्द जी का 1112 वर्ष की आयु में सन् 1984 में स्वर्गवास हुआ। आपके घर पर सर सेठ हुकमचन्द जी इन्दौर सन् 1947 सर सेठ भागचन्द जी 1947, इन्दिरा गांधी सन् 1979 जैसे नेता आ चुके हैं।
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पता:- पटेल मार्ग, तबेला, सीकर ।