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________________ राजस्थान प्रदेश का जैन समाज /435 श्री मदनलाल गंगवाल डेह नागौर के वयोवृद्ध समाजसेवी श्री मदनलाल जी गंगवाल का जन्म संवत् 1969 . . में आसोज महिने में हुआ। आपके पिताजी श्री किशनलाल जी का सन् 1972 में तथा माताजी श्रीमती सुरजीदेवी का निधन सन् 1981 की 17 जनवरी को हो गया । आपने मनीपुर एवं डेह में सामान्य शिक्षा प्राप्त की तथा टायर्स,गल्लावं इलेक्ट्रिक के सामान के थोक विक्रेता का कार्य करने लगे । आपके पिताजी को मनीपुर में महाराजा एवं पोलीटिकाटन एजेन्ट की ओर से पूर्ण सम्मान प्राप्त था वे आपकी सच्चाई एवं ईमानदारी से बहुत प्रभावित थे। सन 1984 में मदनलाल जी का विवाह घेवरी देवी से हुआ। जिनसे आपको पांच पुत्र एवं दो पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आपके दो पुत्र श्री डूंगरमल जी एवं पन्नालाल जी डीमापुर में व्यवसायरत हैं। उनका पूर्वान्चल भाग में अलग से परिचय दिया गया है। तीसरे पुत्र शान्तिलाल जी देहली में व्यवसायरत हैं तथा चौथे पुत्र भागचन्द जी सी.ए. हैं। पांचवे पुत्र टीकमचन्द जी बी.कॉम. हैं । दो पुत्रियां मैना देवी एवं गिनिया देवी विवाहित हैं। आपने जम्बूदीप ज्ञान ज्योति में सौधर्म इन्द्र के पद को तथा नागौर पंचकल्याणक में सातवें इन्द्र के पद को सुशोभित किया। आपके द्वारा डेह के शान्तिनाथ दि.जैन मन्दिर में पार्श्वनाथ एवं महावीर स्वामी की तथाडीमापुरके जैन मन्दिर में सर्वधातु की प्रतिमा विराजमान की गयी है। आपके शुद्ध खान-पान का नियम है जिसे आप 60 वर्षों से पालन कर रहे हैं । डेह में आने वाले सभी आचार्यों एवं मुनियों की आहार आदि से सेवा करते हैं। आपकी धर्मपत्नी ने दशलक्षण बत एवं अष्टाहिका व्रत के सथा सभी पुत्रवधुओं ने ये सभी उपवास कर लिए हैं। आपने सम्मेदशिखर जी की कितनी ही बार यात्रा करली है। आपके पास विगत 20 पीठियों का वंश वृक्ष है जो टुलीचन्द जी गंगवाल से प्रारम्भ होता है। श्री मन्नालाल कासलीवाल श्री मनालाल कासलीवाल नागौर के प्रतिष्ठित वयोवृद्ध समाजसेवी हैं। 88 वर्ष की आयु को पार करने वाले श्री कासलीवाल के पिताजी श्री रिद्धकरण जी एवं माताजी का स्वर्गवास भी बहुत पहिले हो चुका है। आपका विवाह 50 वर्ष पूर्व श्रीमती मोहिनी देवी के साथ संपन्न हुआ। जिससे आपको दो पुत्र एवं चार पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है। ज्येष्ठ पुत्र श्री रतनलालजी 47 वर्ष के युवा है । पत्नी का नाम शांतिदेवी है । एक पुत्र एवं एक पुत्री के पिता हैं 1 दूसरे पुत्र श्री राजकुमार 33 वर्ष के हैं। सरोजदेवी पत्नी है। आप नागौर पंचकल्याणक में इन्द्र बन चुके हैं तथा नागौर के बीस पंधी मंदिर एवं तेरहपंथी मंदिर में प्रतिमा विराजमान कर चुके हैं । युवावस्था में आप प्रतिदिन पूजा अभिषेक करते थे। आपने अधिकांश तीर्थों की यात्रा कर ली है । धार्मिक स्वभाव के माने हुये व्यक्ति हैं। पता:- गिनानी गली,नागौर
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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