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________________ श्री सुनील कोठारी 1 कोटा के श्री त्रिलोकचंद जी कोठारी के सबसे छोटे पुत्र श्री सुनील कोठारी का जन्म उस समय हुआ जब उनके पिता श्री उद्योग संचालन की दिशा में कदम रखने लगे थे 3 फरवरी 1904 को जन्मे श्री सुदील कोठारी ने बी.कॉम. एवं एम.बी.ए. की परीक्षा पास की तथा 13 मार्च सन् 1985 को कानपुर निवासी श्री रिषभचन्द जी गोधा की सुपुत्री सीमा से विवाह सूत्र में बंध गये। जिनसे आपको एक पुत्र एवं एक पुत्री के पिता बनने का गौरव प्राप्त हो चुका है। राजस्थान प्रदेश का जैन समाज /411 श्री सुनील कोठारी ओम कोठारी उद्योग समूह के सेल्स डायरेक्टर एवं एल.पी.जी. ट्रांसपोर्ट डिवीजन के इन्चार्ज है। आयु में बहुत छोटे होने पर भी आप अपने उत्तरदायित्व को अच्छी तरह निभा रहे हैं। पता:- 16/121-122, कोठारी भवन, फैज रोड, नई दिल्ली। श्री हुकमचंद टोंग्या झालावाड़ के सामाजिक कार्यकर्ता श्री हुकमचंद टोंग्या का जन्म सन् 1922 में हुआ। आपके माता-पिता श्री विरधीचंद जी माताजी श्री गुलाबबाई दोनों का ही काफी पहले स्वर्गवास हो चुका है। सन् 1942 में आपका विवाह श्रीमती मोहनी देवी के साथ हुआ। जिनसे आपको पांच पुत्र श्री प्रभातचन्द, प्रकाशचन्द, प्रदीपकुमार, अनिल कुमार, राजकुमार एवं दो पुत्रियों प्रेमवाई एवं सरोज के पिता बनने का गौरव प्राप्त हो चुका है। सभी पुत्र एवं पुत्रियों का विवाह हो चुका है। प्रकाशचंद के अतिरिक्त सभी बच्चे डीमापुर में व्यवसायरत हैं। आपके घर में पूर्वजों द्वारा बनाया गया चैत्यालय है। झालावाड स्टेट में आपके पूर्वजों का पर्याप्त सम्मान था । राजमल जी चंदनमल जी झालावाड स्टेट के प्रधान मंत्री एवं तहसीलदार रहे थे तथा कोटा से जब झालावाड स्टेट अलग हुई तो उनके साथ ही आये थे । आपने सभी तीर्थ यात्रायें संपन्न कर ली हैं। मुनिभक्त हैं। 1 पता हुकमचंद प्रभातचंद मंगलपुर बाजार, झालावाड़
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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