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________________ 410/ जैन समाज का वृहद् इतिहास आ.ने दूनी मान में जैन धर्माला, गोमटागरी एवं भाखडा आदि क्षेत्रों पर गेस्ट हाउस का निर्माण करके काफी हद तक क्षेत्रों की इस कमी को ठीक करने में योगदान दिया है। मंडल विधान के कार्यक्रमों में भी आप आगे रहते हैं। जयपुर,बम्बई,शिखरजी,राजगिरी,चांदखेडी,सोनागिर जी आदि नगरों में आपकी तरफ से वृहत् सिद्धचक्र व इन्द्रध्वज मंडल विधान एवं अन्य विद्वानों में विशेष रुचि रखते हुये समाज में धर्म के प्रति उत्साह बढ़ाते हैं। आपके सद्गुणों से प्रभावित होकर गतवर्ष कोटा की स्थानीय समाज द्वारा श्री दि. जैन महासभा के उपाध्यक्ष श्री माणकचंद जी पालीवाल की अध्यक्षता में आपको महिला भूषण की उपाधि से सम्मानित किया गया था। हम आप दोनों के स्वस्थ,सुखद एवं यशस्वी जीवन की श्री बीर प्रभू से मंगल कामना करते हैं। श्री वीरेन्द्रकुमार पाटनी झालावाड़ निवासी श्री वीरेन्द्रकुमार पाटनी श्री महेन्द्रकुमार पाटनी के सुपुत्र हैं। श्री महेन्द्रकुमार जी कुजेड ग्राम पंचायत के सरपंच हैं । पाटनौजी का जन्म 15 मई सन् 1948 को हुआ। सन् 1971 में आपने. कोरा कालेज से बी.ए., एल.एल.बी किया। सन् 1975 में आपका विवाह श्रीमती रंजना के साथ संपन्न हुआ । श्रीमती रंजना बी.ए. हैं तथा कोटा के श्री रिखबवन्द जी एडवोकेट की सुपुत्री हैं। आपको दो पुत्रों को जन्म देने का सौभाग्य प्राप्त हो चुका है। आपके पूर्वजों ने अपने ग्राम कुंजेड में दिग.बैन मन्दिर का निर्माण करवाया था। पाटनी जी लायन्स क्लब के अध्यक्ष एवं रेडक्रास सोसाइटी के सदस्य हैं। श्रीमती रंजना भी महिला समाज को जागृत करने में विशेष रुचि रखती हैं। पता: मामा भाणजा चौराहा, झालावाड़ श्री शांतिकुमार बड़जात्या श्री बड़जात्या जी बारां नगर के प्रमुख समाजसेवी हैं। आप दि.जैन समाज के संयोजक,मंत्री एवं अध्यक्ष सभी पदों पर कार्य कर चुके हैं। वर्तमान में यहां की प्राचीन एवं विशाल नशियां के संयोजक है। आपका जन्म संवत् 1983 में हुआ। आपके पिताजी श्री छीतरमल जी एवं माता श्रीमती दाखादेवी दोनों का स्वर्गवास हो चुका है। सन् 1947 में आपका विवाह मोहिनी बाई से हुआ। आपको 6 पुत्र अशोककुमार, निर्मलकुमार,राजेन्द्रकुमार, चेतनकुमार,मिजयेन्द्र एवं नरेन्द्र तथा तीन पुत्रियाँ चन्दा,रानी एवं रोजी के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हो चुका है। श्री निर्मल कुमार एवं राजेन्द्रकुमार एम.ए. हैं । चेतनकुमार बोई. हैं । दोनों छोटे बच्चे पढ़ रहे हैं । श्रीमती चंदा बी.ए. है तथा रानी एम.ए., एल.एल.बी. है। आपका धार्मिक जीवन विशेष उल्लेखनीय है । बारां में आप सिद्धचक्र मंडल विधान करा चुके हैं। आपने अपने परिवार के साथ सभी तीर्थों की वंदना करली है। मुनियों के कट्टर भक्त हैं। उनकी वैयावृत्ति करने में पूर्ण रुचि रखते हैं । प्रतिदिन पूजा एवं अभिषेक का नियम है। पता: शाह नेमजी छीतरमल जीबड़जात्या भीमगंज वार्ड,प्रतापचौराहा, बारां,कोटा
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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